RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव को लेकर संशय की स्थिति है। आशंका है कि इस बार फिर छात्र संघ चुनाव टल सकता है। क्योंकि अब तक पीजी के 40 हजार स्टूडेंट्स का न तो रिजल्ट निकला है और न ही नए एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हो पाई है। मतलब साफ है कि दो साल बाद होने वाले छात्र संघ का चुनाव एक बार फिर टल सकता है। आरयू के वीसी प्रो। रमेश कुमार पांडेय ने सोमवार को शाम पांच बजे सभी छात्र संगठनों के दो-दो प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुलाया है। इसके बाद ही साफ हो पाएगा कि चुनाव होंगे या नहीं। हालांकि ऐसी भी संभावना जताई जा रही है कि दो अक्टूबर से 12 अक्टूबर के बीच चुनाव हो सकते हैं। आरयू प्रशासन को 16 शिक्षण संस्थानों ने वोटर लिस्ट सौंप दी है।

40 हजार स्टूडेंट्स प्रभावित

चुनाव टलने की आशंका के पीछे छात्र नेताओं का कहना है कि अभी यूनिवर्सिटी में पीजी के एग्जाम का रिजल्ट नहीं निकला है जिससे करीब 40 हजार छात्र प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही एडमिशन का रोस्टर भी तैयार नहीं है। अभी भी कई कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया चल ही रही है। हालांकि एडमिशन के लिए आवेदन की समयसीमा खत्म हो चुकी है लेकिन जो फॉर्म जमा हुए हैं, उनकी प्रक्रिया पूर्ण होने में समय लग सकता है।

डीएसपीएमयू में चुनाव कमिटी बनी

रांची कॉलेज से डॉक्टर श्यामाप्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी में तब्दील होने के बाद पहली बार डीएसपीएमयू में छात्र संघ चुनाव को लेकर कमिटी का गठन काफी पहले कर लिया गया है। डीएसपीएमयू में छात्र संघ का चुनाव लिंगदोह कमिटी के अनुरूप होगा। इसके लिए कमिटी बनाई जा चुकी है। कमिटी वीसी डॉ एसएन मुंडा की अध्यक्षता में बनाई गई है जिसमें डीएसडब्ल्यू डॉक्टर नमिता सिंह को कमिटी का सदस्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा डॉ दिनेश तिर्की, साइंस एचओडी डॉ भोला महतो, डॉ। माधुरी प्रसाद, डॉ। एनके महतो, डॉ। मो। अयुब, डॉ। एसके गोविल, डॉ आरके, खुर्शीद अख्तर, डॉ। जीसी बास्के, डॉ। जिन्दर सिंह मुंडा, डॉ। रामदास उरांव को कमिटी में शामिल किया जा चुका है। लेकिन वर्तमान स्थिति में चुनाव होंगे या नहीं, इसे लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपनी मंशा को साफ नहीं किया है।

वर्जन

छात्र संघ के चुनाव होंगे या नहीं, इसके बारे में अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है। हमें आशंका है कि ये मीटिंग छात्र संघ के चुनावों को टालने की एक कोशिश हो सकती है। क्योंकि अभी भी 40 हजार पीजी छात्रों का रिजल्ट नहीं निकला है। फिर भी हमें उम्मीद है कि छात्र संघ का चुनाव इस वर्ष होगा।

- तनुज खत्री, छात्र नेता

प्राईवेट कॉलेजों की तर्ज पर चुनाव होना चाहिए। क्योंकि यूनिवर्सिटी स्तर पर चुनाव होने से हर साल कोई न कोई परेशानी होती है जिस वजह से चुनाव पर संशय के बादल गहराने लगते हैं।

-अभिषेक बैनर्जी, पॉलीटेक्निक छात्र नेता