RANCHI : झारखंड की एजूकेशन मिनिस्टर गीताश्री उरांव ने साफ किया है कि उन्होंने जेपीएससी के फिफ्थ सिविल सर्विसेज के पीटी रिजल्ट को कैंसिल करने की कोई बात कही थी। रविवार को एजूकेशन मिनिस्टर ने कहा कि सिविल सर्विसेज के पीटी को कैंसिल करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं। अगर पीटी रिजल्ट में किसी तरह की गड़बड़ी हुई है तो उसमें सुधार होना चाहिए। इस बाबत उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से बात करने की बात कही। गौरतलब है कि जेपीएससी के फिफ्थ सिविल सर्विसेज के पीटी में क्वालिफाई करने वाले और पीटी में असफल रहे कैंडिडेट्स ने अलग-अलग ग्रुप में एजूकेशन मिनिस्टर से मुलाकात की थी।

कैंडिडेट्स ने रखी अपनी बात

जेपीएससी के फिफ्थ सिविल सर्विसेज के पीटी में क्वालिफाई करनेवाले स्टूडेंट्स ने एजूकेशन मिनिस्टर से मिलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मेन्स एग्जाम पर रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं है। इस बाबत एजूकेशन मिनिस्टर ने कैंडिडेट्स को आश्वस्त किया कि वे इस मामले को सीएम के पास जल्द ही रखेंगी।

क्वालिफाई करनेवाले कैंडिडेट्स के तर्क

-पीटी स्क्रिनिंग टेस्ट है। इसके मा‌र्क्स मेरिट लिस्ट में नहीं एड किए जाते हैं। फाइनल रिजल्ट मेन्स और इंटरव्यू के मा‌र्क्स की बेसिस पर निकलता है।

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मेरिट लिस्ट में रिजर्वेशन पॉलिसी का पालन होना चाहिए। स्क्रीनिंग टेस्ट में रिजर्वेशन का लाभ नहीं मिलना चाहिए।

-पीटी के एडमिट कार्ड में स्पष्ट निर्देश था कि छह आधार में से अगर एक में भी गलती होगी तो ओएमआर शीट का इवैल्यूशन नहीं होगा।

-झारखंड हाइकोर्ट ने पीटी रिजल्ट मुद्दे पर सुनवाई करने के बाद जेपीएससी के फेवर में जजमेंट दिया है।

-झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद से जेपीएससी अबतक मात्र चार बार ही सिविल सर्विसेज का एग्जाम ले पाई है, जबकि हर साल सिविल सर्विसेज एग्जाम होनी चाहिए। एग्जाम में विलंब से सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

पीटी में असफल कैंडिडेट्स ने भी की मुलाकात

दूसरी ओर फिफ्थ सिविल सर्विसेज के पीटी में असफल हुए कैंडिडेट्स ने भी एजूकेशन मिनिस्टर से मिलकर अपनी बात रखी। इन कैंडिडेट्स ने कहा कि अदर स्टेट के सिविल सर्विसेज में जेनरली आउटसाइडर्स के लिए 10 परसेंट ही कोटा रहता है, पर झारखंड में जेपीएससी द्वारा लिए गए फिफ्थ सिविल सर्विसेज के पीटी में क्वालिफाई करनेवाले 50 परसेंट कैंडिडेट्स दूसरे राज्यों से बिलांग करते हैं। इतना ही नहीं, रिजल्ट में रिजर्वेशन पॉलिसी को भी फॉलो नहीं किया गया है। ऐसे में या तो रिवाइज्ड रिजल्ट निकले या एग्जाम कैंसिल की जाए।