-गिने चुने पदाधिकारी ही कांग्रेस भवन में आए नजर

-टीवी पर आ रहे रुझानों के बाद खाली हो गया भवन

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DEHRADUN: मतगणना की शुरुआत होने के साथ ही पार्टीज के प्रदेश कार्यालयों पर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा शुरू हो गया था। कहीं जश्न और कहीं मातम का मंजर देखने को मिला। कहीं ढोल के साथ खुशियां मनी तो कहीं झुंझलाहट में टीवी बंद किए गए। आई नेक्स्ट की टीम ने कांग्रेस कार्यालय का जायजा लिया। यहां लगातार रुझानों में गिरती सीटों की संख्या पदाधिकारियों के माथे पर लकीरों को बढ़ा रही थी। सुबह आठ बजे से कैसा रहा यहां का माहौल हम आपको बता रहे हैं।

मार्निग 8 :00 बजे

कार्यालय खुल चुका था, लेकिन कार्यालय में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा पसरा था। कोई बड़ा पदाधिकारी मौजूद नहीं था। करीब साढ़े आठ बजे कांग्रेस प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप कार्यालय पहुंचे। पिछले एक घंटे के रुझानों को लेकर उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दी। हालांकि चुनाव को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा। कार्यालय पहुंचते ही टीवी पर रुझानों पर नजर बनाए रहे।

8 : भ्ख् मिनट पर

कार्यालय खुलने के करीब बावन मिनट बाद कांग्रेस प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत कार्यालय पहुंचे। उनके आने के साथ ही शुरू हुआ हार के कारणों पर मंथन सिलसिला। इसके बाद करीब साढ़े दस बजे तक आधा दर्जन कार्यकर्ता भी प्रदेश कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद टीवी पर रुझानों को देख हर पल कार्यकर्ताओं के दिल की धड़कनों के साथ ही हार के एक कारण पर चर्चा छिड़ जाती। चर्चा के बीच एक उम्र दराज कार्यकर्ता ने कहा कि आपदा न आती तो परिणाम यह न होते। इस बीच एक कार्यकर्ता ने मोदी फैक्टर का हावी होना हार का कारण बताया। चर्चा चलती रही और हार के कारणों की गिनती में भी इजाफा होता रहा। इस बीच टेलीविजन के रुझानों पर बड़े पदाधिकारी नजर जमाए रहे।

कांग्रेस कार्यालय : क्ख्:00 बजे

क्ख् बजे के करीब कांग्रेस कार्यालय में मातम का मंजर दिखने लगा। कार्यालय के अधिकतर पदाधिकारियों ने कार्यालय का रुख ही नहीं किया। जबकि कार्यालय में मौजूद कार्यकर्ता भी अंगुलियों पर गिने जा सकते थे। इस बीच कांग्रेस मीडिया सेंअर में हार के कारणों और रुझानों पर चर्चा जारी रही। कुछ कार्यकर्ता दबी जबान में विधायकों और आलाकमान पर हार ठीकरा फोड़ते दिखाई दिए। आलमोड़ा एरिया के एक कार्यकर्ता ने कहा कि अगर मौजूदा विधायक काम करते तो आज हालातों की सूरत अलग होती।

कांग्रेस कार्यालय : क्ख् : ख्0 बजे

करीब बारह बजकर बीस मिनट पर बिजली गुल हो गई। टीवी बंद होने के साथ ही एक बार फिर हार की चर्चाओं ने जोर पकड़ा। अब पदाधिकारी भी चर्चाओं में कूद पड़े। प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत ने हार के लिए सोशल मीडिया को कारण बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को गुजरात की असल सूरत नहीं दिखाई गई। इस बीच एक कार्यकर्ता ने कहा कि बीजेपी के नारे भी इस बार काफी इंप्रेस करने वाले थे बात को काटते हुए कांग्रेस प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि नारों के अलावा जाति समिकरण ने भी देश में कांग्रेस को प्रभावित किया। उत्तराखंड कांग्रेस के लिए आपदा हार के प्रमुख कारणों में एक है इसमें कोई शक नहीं।

नतीजों के बाद छाई मायूसी

करीब तीन बजे तक उत्तराखंड की सभी सीटों पर हालात साफ हो गए थे। सभी नतीजे बीजेपी के पक्ष में आने से कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटा पसर गया। इसके बाद जो भी आया सिर्फ दिलासा देता ही नजर आया। हार के कारणों को लेकर पदाधिकारियों भी जनादेश को बुझे मन से स्वीकार करते ही दिखाई दिए। पदाधिकारी यह कहते भी दिखे कि अगर दो महीनों बाद इलेक्शन हो जाएं तो कांग्रेस की लहर होगी। बीजेपी ने भ्रम जाल फैला कर चुनाव जीता है दो महीनों में भ्रम टूटेगा उसके बाद कांग्रेस ही नजर आएगी। नतीजे आने के बाद पदाधिकारी और कार्यकर्ता मायूस मन लेकर कार्यालय से निकल गए।