-बंद कमरे में हुई बैठक में उम्मीदवारों ने सीमित प्रचार-प्रसार होने की शिकायत की

-कई बोले, सीमित संशाधनों की वजह से उनकी जीत बनी है संदिग्ध

DEHRADUN: राज्य की म्9 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद कांग्रेस ने सभी उम्मीदवारों, प्रदेश व जनपदों के पदाधिकारियों के साथ चुनाव में खामियों व भितरघात जैसे मुद्दों पर मंथन किया। जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं दिखाई दे रहे प्रत्याशियों ने कहीं भीतरघात, कहीं पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का पूरा सहयोग न मिलने की शिकायत की। जबकि चुनाव रणनीति में लगाई गई टीम पीके के व्यवहार का मामला भी बैठक में सामने रखा।

बागियों को मिला कइयों का समर्थन

विधानसभा चुनाव के लिए परिणाम आने के लिए आठ दिन बाकी हैं, लेकिन पार्टी ने समीक्षा शुरू कर दी है। हालांकि एक कर्णप्रयाग सीट पर अभी मतदान होना बाकी है। लेकिन गुरुवार को पार्टी ने प्रत्याशियों, पदाधिकारियों व राज्य स्तर के वरिष्ठ नेताओं को दून बुलाया और समीक्षा बैठक की। पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय ने पहले बंद कमरे में सभी म्9 उम्मीदवारों के साथ बैठक की। इस दौरान बैठक में क्या चर्चाएं हुई और उम्मीदवारों की शिकायतों के संबंध में मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी गई। सूत्रों की मानें तो कई उम्मीदवारों ने चुनाव के दौरान पार्टी के सामने भीतरघात की शिकायत की है। वहीं ज्यादातर प्रत्याशियों ने टीम पीके के मनमाने तरीके से काम करने व समय पर प्रचार सामग्री नहीं मिल पाने से चुनाव प्रचार प्रभावित होने की शिकायत भी की। ऐसे ही कई उम्मीदवारों ने विभिन्न माध्यमों से प्रचार नहीं हो पाने पर भी नाराजगी जताई। कहा, बीजेपी की तुलना में कांग्रेस का प्रचार अभियान पीके की सीमित रणनीति तक सिमटकर रहा। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार मजबूत स्थिति में थे। लेकिन कम संसाधनों के कारण उन्हें अभियान को गति देने में परेशानियां उठानी पड़ी। कुछ उम्मीदवारों का कहना था कि संसाधनों की कमी के कारण उनकी जीत संदिग्ध बनी हुई है। ऐसे ही कइयों ने बागी बनकर निर्दलीय चुनाव में उतरे प्रत्याशियों का पार्टी नेताओं द्वारा सहयोग व समर्थन किए जाने की भी शिकायत की। बंद कमरे में बैठक पूरी होने के बाद कांग्रेस भवन परिसर में पदाधिकारियों की खुली बैठक हुई। जिसमें कैबिनेट मंत्री इंदिरा हृदयेश, सुरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम सिंह, मंत्री प्रसाद नैथानी, राजेंद्र भंडारी, विधायक हीरा सिंह बिष्ट, सरिता आर्य, मनोज तिवारी, मदन सिह बिष्ट, राजकुमार, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, कमलेश रमन आदि नेतागण मौजूद रहे।

राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित

बैठक में मोदी सरकार द्वारा रसोई गैस सिलेडरों के दामों में की गई भारी बढ़ोत्तरी, दिल्ली विवि में एबीवीपी द्वारा कारगिल शहीद की पुत्री के साथ किये गये दु‌र्व्यवहार व बच्चों की तस्करी में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री की भूमिका पर चर्चा के उपरान्त सीएम हरीश रावत, पीसीसी चीफ किशोर व प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर के नेतृत्व में राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया गया। बैठक में देश के पांच राज्यों हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा पर धनबल के प्रयोग करने का भी आरोप लगाया।