- प्रतापगढ़ पुलिस ने किया डबल मर्डर केस का खुलासा

- स्मैक देने में देरी पर सिपाही ने मारा था चांटा, बदले में मार दी गोली

- साथी भी बेमौत मारा गया, पुलिस ने तीन आरोपियों को अरेस्ट कर भेजा जेल

मऊआइमा में मारे गए पुलिस कांस्टेबल सर्वेश और कंडक्टर अनुपम की हत्या की गुत्थी प्रतापगढ़ पुलिस ने सुलझा ली है। दोनों को स्मैक के सौदागरों ने टशन में मार डाला था। एक थप्पड के बदले गोलियों की बौछार कर दी। संडे को प्रतापगढ़ पुलिस ने डबल मर्डर का खुलासा करते हुए बताया कि इस वारदात को चार लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था। तीन को पुलिस ने अरेस्ट कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

एसपी ने सुनाई पूरी कहानी

प्रतापगढ़ के एसपी बलिकरन यादव ने डबल मर्डर का खुलासा करते हुए बताया कि कांस्टेबल सर्वेश पांडेय और उसका दोस्त रोडवेज से बर्खास्त कंडेक्टर अनुपम श्रीवास्तव स्मैक व गांजा पीने के लती थे। वह देवकली निवासी शैलेंद्र उर्फ मिथुन पुत्र राममनोहर से स्मैक खरीदते थे। दो अप्रैल को शैलेंद्र रानीगंज कैथोला में करंट से मरे लालजी गुप्ता के अंतिम संस्कार में शामिल होने मानिकपुर घाट चला गया था। वहां से लौटने में देर हो गई थी। इस बीच सिपाही सर्वेश उसे फोन मिला रहा था। बाइक चलाने के कारण शैलेंद्र चार चार बार ¨रग जाने पर भी फोन नहीं उठा सका। बाद में जब फोन उठाया तो सर्वेश ने उसे जल्द घर आने के लिए कहा।

सिपाही ने जड़ दिया था तमाचा

इस बीच सर्वेश ने फोन करके अनुपम को बुला लिया। रात लगभग नौ बजे शैलेंद्र अपने घर पहुंचा तो वहां सर्वेश और अनुपम मौजूद थे। सर्वेश ने देर से आने और फोन न उठाने पर गाली गलौज करते हुए उसे दो थप्पड़ जड़ दिया। इससे आक्रोशित शैलेंद्र ने भी डंडे से सर्वेश के सिर पर वार कर दिया। चोट लगते ही सर्वेश गिर पड़ा। तब तक शैलेन्द्र के परिवार के लोग जुट गए। शैलेंद्र, उसका चाचा जितेंद्र कुमार उर्फ दरोगा, दोस्त राजेश गौतम पुत्र छोटेलाल गौतम निवासी पितई का पुरवा आदि ने ताबड़तोड़ लाठियां चला कर सर्वेश को पीट डाला। सर्वेश को खून से लथपथ देख अनुपम भागने लगा तो इन सबने चोर-चोर का शोर मचा दिया। इस पर बस्ती के लोगों ने अनुपम को पकड़ लिया और शैलेंद्र, जितेंद्र व राजेश को सौंप दिया। फिर शेलेंद्र व उसके साथी अनुपम को भी सर्वेश के पास तक घसीट लाए और उसे भी लाठियों से पीटकर बेदम कर दिया। इसके बाद शैलेंद्र ने सर्वेश और अनुपम के सिर में तमंचे से गोली मार दी। तीसरा फायर मिस हो गया था। इस दौरान शैलेंद्र के भाई इंद्र प्रताप उर्फ रवि ने बीच बचाव का प्रयास किया तो उसे डांट कर भगा दिया गया। चाचा जितेंद्र की कार में शैलेंद्र व राजेश ने सर्वेश और अनुपम का शव लादा और रात में ही ले जाकर मऊआइमा के गदाईपुर के पास फेंक दिया।

काल डिटेल से खुला राज

एसपी ने घटना के खुलासे के लिए स्वाट टीम प्रभारी मनोज शुक्ला व शहर कोतवाल बलिराम मिश्र को लगाया था। सर्वेश के मोबाइल के कॉल डिटेल के जरिए पुलिस शैलेंद्र तक पहुंच गई क्योंकि आखिरी बार सर्वेश की बात शैलेंद्र से हुई थी। यही नहीं गदाईपुर गांव के पास वाले टावर पर भी शैलेंद्र की लोकेशन रात में पायी गई थी। इस पर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आरोपी शैलेंद्र, राजेश को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त फ्क्भ् बोर का तमंचा, तीन खोखा, दो जिंदा कारतूस व कार को बरामद कर लिया जबकि जितेंद्र उर्फ दारोगा फरार है।