दैनिक जागरण आई नेक्स्ट एक्सक्लूसिव

-पिछले साल फाइनेंशियल ईयर 2016-17 में कानपुर मेट्रो के लिए किया गया था 50 करोड़ का प्राविधान

- शिलान्यास हुए 6 महीने बीत गए, फाइनेंशियल ईयर भी बदल गया फिर भी एलएमआरसी को नहीं मिला बजट

KANPUR: कानपुर मेट्रो के लिए पिछले फाइनेंशियल ईयर के बजट में 50 करोड़ रुपए का प्राविधान जरूर किया गया था, लेकिन ये बजट अभी तक कानपुर में मेट्रो को दौड़ाने की कमान संभाल रहे लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन को नहीं मिला है। इसी वजह से पॉलीटेक्निक में कानपुर मेट्रो के पहले कॉरिडोर का यार्ड बनाने का काम फिलहाल ठप है।

टेंडर भी हो चुके कॉल

कैबिनेट से कानपुर मेट्रो की डीपीआर पास होने के बाद एलएमआरसी ने फरवरी, 2016 में पॉलीटेक्निक में 36.75 करोड़ से मेट्रो यार्ड बनाने के लिए टेंडर भी कॉल कर दिया। मेट्रो यार्ड का कम्प्लीशन टारगेट 19 महीने रखा गया। इससे पहले दिसंबर, 2015 में पहले कॉरिडोर आईआईटी से नौबस्ता के लिए 38 करोड़ से डिटेल्ड डिजाइन तैयार करने के लिए टेंडर काल किए थे। हालांकि डिटेल्ड डिजाइन के लिए समय सीमा 48 महीने दी गई थी।

बाउंड्री वॉल तक नहीं बन पाई

4 अक्टूबर, 2016 को सेंट्रल गवर्नमेंट की एनओसी मिले बिना ही चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव, केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैइया नायडू ने पॉलीटेक्निक में मेट्रो यार्ड का शिलान्यास भी कर दिया। लेकिन बजट पास हुए एक साल से अधिक समय होने और शिलान्यास हुए छह महीने से ज्यादा टाइम बीत जाने के बावजूद एलएमआरसी को 50 करोड़ रुपए नहीं मिले। हालांकि लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने शिलान्यास के साथ पॉलीटेक्निक में मेट्रो यार्ड बनाने का काम शुरू कर दिया। लेकिन अभी तक न तो बाउंड्रीवॉल कम्प्लीट हो सकी है। न ही लैंड डेवलपमेंट और ट्रैक का काम पूरा हो सका है। कुल मिलाकर काम ठप पड़ा हुआ है। दिखावे के लिए कुछ इम्प्लाइ जरूर नजर आते हैं।

'मेट्रो का काम बन्द नहीं है, ट्री कटिंग, इलेक्ट्रिसिटी लाइन की शिफ्टिंग की वजह से प्रभावित है। बजट एलोकेट जरूर हुआ था, लेकिन अभी तक रिलीज नहीं हुआ है। इस वजह से काम जरूर स्लो चल रहा है। फिलहाल एलएमआरसी के फंड से काम किया जा रहा है.'

- कुमार केशव, एमडी एलएमआरसी

27 महीने पहले शुरू हुआ सफर

कानपुर मेट्रो का सफरनामा

7 जनवरी, 2015- हाउसिंग एंड अरबन प्लानिंग डिपार्टमेंट, यूपी ने राइट्स को कानपुर सहित चार शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी।

21 जनवरी, 2015- केडीए को नोडल बनाया और लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन को क्वार्डिनेटिंग एजेंसी बनाया गया।

-केडीए ने राइट्स को मेट्रो की डीपीआर बनाने के लिए 3.5 करोड़ की अप्रूवल दी

3 फरवरी, 2015- कमिश्नर, केडीए और एलएमआरसी अफसरों के साथ मिलकर मेट्रो के लिए स्टडी

12 मार्च, 2015- मेट्रो मैन ई श्रीधरन, एलएमआरसी एमडी के साथ अफसरों ने की मीटिंग

23 मार्च, 2015- राइट्स के साथ केडीए ने मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट साइन किया

24 मार्च, 2015- राइट्स ने इनसेप्शन कम ऑब्शंस रिपोर्ट सौंपी

13 मई, 2015- लैंडयूज पैरामीटर एस्टीमेशन को लेकर टेक्निकल नोट सौंपा गया

05 जून, 2015-राइट्स ने ट्रैफिक एंड ट्रैवेल डेटा रिपोर्ट सौंपी

30 जून, 2015- ट्रैफिक एंड सिस्टम सेलेक्शन रिपोर्ट सौंपी

31 जुलाई, 2015- राइट्स ने मेट्रो की ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपी

08 सितंबर- एलएमआरसी अफसरों ने डिटेल प्रोजेक्ट फाइनल करने की मीटिंग की

08 अक्टूबर- मेट्रो मैन ई श्रीधरन के साथ एलएमआरसी अफसरों ने ड्राफ्ट फाइनल रिपोर्ट पर डिस्कशन किया

10 अक्टूबर- चीफ सेक्रेटरी के सामने मेट्रो की ड्राफ्ट फाइनल रिपोर्ट का प्रेजेंटेशन

26 अक्टूबर- सभी के सजेशन को शामिल करते हुए राइट्स ने फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट सौंपी

9 नवंबर- केडीए बोर्ड ने मेट्रो की डीपीआर को अप्रूव्ड करते हुए प्रिंसिपल को लेटर भेजा

---कैबिनेट से मिली कानपुर प्रोजेक्ट को मंजूरी

--स्टेट गवर्नमेंट ने कानपुर मेट्रो के लिए 50 करोड़ का प्राविधान किया

29 मार्च, 2016- मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट अप्रूवल के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट भेजी गई

17 मई, 11 जुलाई, 8 अगस्त और 12 नवंबर, 2016 को सेंट्रल गवर्नमेंट को क्वेरीज के जवाब भेजे गए

4 अक्टूबर, 2016- चीफ मिनिस्टर के हाथों कानपुर मेट्रो वर्क का शिलान्यास