भारत निर्वाचन आयोग की परमीशन के बाद आरआरटीएस का सिविल वर्क होगा आरंभ

कमिश्नर ने की दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर के कायरें की समीक्षा बैठक

सभी विभागों को दिए आपसी तालमेल के साथ काम करने के निर्देश

82 किलोमीटर आरआरटीएस की कुल लंबाई

16 स्टेशन रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के

6 स्टेशन मेरठ मेट्रो के

Meerut. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण कायरें में तेजी लाने और आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए बुधवार को कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने मेरठ-गाजियाबाद जनपद के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कैंप कार्यालय में की. बैठक में कमिश्नर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आपसी समन्वय के साथ नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) बताई गई रुकावटों को प्राथमिकता के साथ दूर करें. मई से कॉरीडोर का निर्माण कार्य शुरू कराने का टारगेट कमिश्नर ने अधिकारियों को दिया.

देश की बड़ी परियोजना

कमिश्नर ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को बताया कि यह देश की पहली उच्च गति वाली रीजनल रेल है. और एक बड़ी पूंजी की परियोजना है. गत 8 मार्च को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद से किया था. एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने अब तक किए गए कार्यो की कमिश्नर को विस्तृत जानकारी दी. और निर्माण में आ रही बाधाओं पर विस्तार से चर्चा की. कमिश्नर ने सभी विभाग और एजेंसियां को एक साथ मिलकर परियोजना को गति देने के लिए काम करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने सचेत किया कि परियोजना में देरी से इसकी लागत में इजाफा होगा, इसलिए हर छोटी रुकावट का समाधान समय से किया जाए.

जमीन मिले तो बने काम

बैठक में एनसीआरटीसी ने कमिश्नर के समक्ष गाजियाबाद से मेरठ तक सभी स्टेशन्स की लोकेशन आईडेंटीफाई करते हुए विभिन्न विभागों से कहा कि सरकारी विभागों से जमीन मिले तो स्टेशन, डिपो और एलीवेटेड ट्रैक के निर्माण कार्य शुरू हो. बता दें कि दिल्ली-मेरठ (एनएच-58) के सेंट्रल वर्ज के ऊपर रहे इस हाईस्पीड कॉरीडोर के स्टेशन्स के निर्माण के लिए जगह चाहिए तो वहीं कोचेज को खड़ा करने और मेंटीनेंस वर्क के लिए मोदीपुरम में करीब 30 हेक्टेयर में डिपो प्रस्तावित है. विभिन्न सरकारी विभागों की जमीन पर स्टेशन्स का निर्माण होना है जिसके लिए जिलाधिकारी, कमिश्नर और शासन स्तर पर पुर्नअधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होनी है. गाजियाबाद-मेरठ जनपद में उप्र परिवहन निगम, आवास विकास परिषद, गाजियाबाद और मेरठ नगर निगम, यूपी पॉवर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, मेरठ विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग और वन विभाग की जमीन आरआरटीएस के आसपास है जहां पर स्टेशन्स, टर्मिनल आदि प्रस्तावित हैं. कमिश्नर ने सभी को चेताया कि 22 अप्रैल को मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय के साथ प्रस्तावित मीटिंग से पहले विभाग तैयारियां पूर्ण कर लें.

प्रगति रिपोर्ट..

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के तहत कुल 82 किमी मार्ग का निर्माण होना है. जिसका जिओ टैगिंग, रोड सेफ्टी कार्य किया जा रहा है.

सराय काले खां से साहिबाबाद तक अंडरग्राउंड रोड भी बनायी जा रही है.

सबसे पहले गाजियाबाद से कार्य प्रारंभ है जहां पर रोड वाइंडिंग लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है.

दुहाई से शताब्दीनगर तक रोड वाइंडिंग के लिये टेंडर प्रक्रिया चल रही है.

रैपिड रेल की मॉनीटरिंग मैकेनिज्म एवं हाई कमेटी भी सरकार ने बनायी है, जिसे हर तीसरे माह रिपोर्ट सरकार को रिपोर्ट देनी होगी.

मई से शुरू होगा सिविल वर्क

कमिश्नर ने बताया कि दिल्ली से गाजियाबाद और गाजियाबाद से मेरठ तक रोड वाइंडिंग, पोल शिफ्टिंग, पेड़ काटने, स्वायल टेस्टिंग, लोड पॉइल टेस्टिंग आदि प्री कंस्ट्रक्शन वर्क संचालित हो रहे हैं. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश मिलते ही विभिन्न विभाग अपने-अपने स्तर पर कार्य आरंभ कर देंगे तो वहीं मई 2019 से आरआरटीएस का सिविल वर्क शुरू कर दिया जाएगा. जिसमें स्टेशन्स, डिपो और एलीवेटेड-अंडरग्राउंड कॉरीडोर का निर्माण शामिल है. पहले चरण में पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक कार्य पूर्ण होगा. वहीं दिसंबर 2019 से दुहाई से मेरठ के बीच सिविल वर्क आरंभ कर दिया जाएगा.

यहां बनी सहमति

बैठक में दुहाई में डिपो के लिए भूमि व गाजियाबाद तिराहे पर हिंडन मोटल की भूमि पर कब्जे के संबंध शीघ्र निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए. मुरादनगर में सब स्टेशन के लिए शासन से मंजूरी के लिए सिंचाई विभाग को प्रस्ताव बनाने के निर्देश कमिश्नर ने दिए तो वहीं दिल्ली-मेरठ रोड पर वर्धमानपुरम पुलिस चौकी रोड पर होने के कारण इसे शिफ्ट करने के निर्देश भी उन्होंने दिए. एमडीए उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय ने रिठानी में स्टेशन के लिए शताब्दीनगर में 18 हेक्टेयर के करीब भूमि एनसीआरटीसी को किराए पर देने की बात कही. बैठक में डीएम गाजियाबाद ऋतु माहेश्वरी, नगरआयुक्त गाजियाबाद दिनेश चंद, अपर आयुक्त उदयीराम, एडीएम प्रशासन रामचंद समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे.