आगरा। एडीए, सिंचाई विभाग व बिल्डरों की गलती का भुगतान इलाके में रहने वाले आम लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है। एनजीटी के आदेश के बाद से चिह्नित 18 बिल्डिंग्स के अलावा उसके आसपास भी कोई निर्माण कार्य नहीं करा सकेगा। इसपर एडीए नजर बनाए हुए हैं। वहीं एडीए भी कोई नक्शा पास नहीं कर सकेगा, जब तक कि एनजीटी का अगला आदेश नहीं आ जाता है।

आदेशों के बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी है शुरू

एनजीटी ने आठ जून को सुनवाई करते हुए सिंचाई विभाग, जल निगम व राजस्व विभाग को यमुना डूब क्षेत्र निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए थे। जब तक किसी प्रकार का कार्य न होने देने के भी आदेश दिए थे। जिन विभागों को यमुना डूब क्षेत्र निर्धारित किए जाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, वे विभाग आदेशों के सात दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कर सके हैं। यही नहीं एडीए ने इन विभागों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है, लेकिन ये विभाग अभी नींद से जाग नहीं सके हैं। इन्हीं विभागों की उदासीनता के कारण ही यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

ये हैं वे क्षेत्र जहां पर नहीं हो सकेगा कोई कार्य

यमुना किनारे के जगनपुर, मऊ, जीवनी मंडी का कुछ हिस्सा, यमुना किनारा रोड, घटवासन, नरायच, खासपुर, आदि क्षेत्र जो चिह्नित की गई बिल्डिंगों के आसपास कोई निर्माण नहीं करा सकेंगे, जब तक कि एनजीटी का आदेश नहीं आ जाता है और यमुना डूब क्षेत्र तय नहीं हो जाता है।

लोगों को हो रही है परेशानी

होंडा सिटी, कृष्णा महाजन फार्म हाउस के नजदीक निर्माण कार्य चल रहा था, जिन्हें एडीए ने रुकवा दिया है। हालांकि ये वे स्थान नहीं हैं, जिन्हें एनजीटी ने कार्य न किए जाने के निर्देश दिए हों, लेकिन ये क्षेत्र वहीं पर हैं, जहां पर बहुमंजिला इमारतों में कार्य न कराए जाने के निर्देश दिए हैं। एक कारण है कि यमुना डूब क्षेत्र का होना व पर्यावरण विभाग की एनओसी का न होना। एनजीटी के स्पष्ट निर्देश हैं कि यमुना डूब क्षेत्र में किसी प्रकार का कार्य न कराया जाए।