- हर रोज बिजली विभाग के ऑफिस में आते हैं 18 से अधिक शिकायतें

- विभिन्न तरह की शिकायतों को निस्तारण न होने से कंज्यूमर्स हो रहे परेशान

केस 1- गीता वाटिका की रहने वाली कमलावती के बिजली मीटर में फॉल्ट था। बिजली का बिल अधिक आ रहा था। मीटर बदलने के लिए बिजली विभाग में आवेदन किया। मीटर बदलने के लिए 3.50 रुपए की रसीद भी कटवाई लेकिन मीटर नहीं लगा। इसके बदले पैसा बिजली के बिल में जुड़कर आ गया। इसे लेकर वे ऑफिस का चक्कर लगाती रहीं लेकिन समाधान नहीं किया गया।

केस 2 - मोहम्मद आतिफ कई दिनों से बिल सुधार कराने के लिए बक्शीपुर बिजली ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कर्मचारियो के कार्य बहिष्कार की वजह से काम नहीं हो पा रहा। अफसर भी नहीं सुन रहे हैं। जिसे लेकर वह काफी परेशान हैं और कर्मचारी डेट पर डेट दे रहे हैं।

GORAKHPUR: बिजली विभाग में कम होते कर्मचारी और बढ़ते कामों का बोझ कंज्यूमर्स को भुगतना पड़ रहा है। जिन समस्याओं का निस्तारण एक-दो दिन के अंदर होना चाहिए उसके लिए कंज्यूमर्स को कई दिनों तक ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। बता दें, शहर में बिजली निगम के चार सर्किल हैं जहां विभिन्न प्रकार की शिकायतें आती हैं। कर्मचारी शिकायतकर्ताओं को इधर-उधर दफ्तरों के चक्कर लगवाते हैं फिर भी उनका काम नहीं हो पाता है। चाहे बिल ठीक करवाना हो या कनेक्शन लेना हो, छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए कंज्यूमर्स परेशान हैं लेकिन उन्हें मिल रही है तो तारीख पर तारीख।

सिर्फ नाम की ऑनलाइन सुविधा

शहर में करीब एक लाख 80 हजार बिजली कंज्यूमर्स हैं। आए दिन कंज्यूमर्स बिजली से संबंधित शिकायतें बिजली निगम के टोल फ्री नंबर या अधिकारियों के दफ्तर में दर्ज कराते हैं। लेकिन जिम्मेदार इसे गंभीरता से नहीं लेते। जिसके चलते कंज्यूमर्स एक से दूसरे बिजली ऑफिस के चक्कर ही काटते रह जाते हैं मगर समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता। ये हाल तब जब विभाग ऑनलाइन सुविधा से जुड़ा है। बावजूद इसके बिजली बिल सुधार से लेकर मीटर रीचार्ज, बिजली तार झूलने, नए कनेक्शन, बिल जमा करने, पोल फीडिंग आदि समस्याओं की सुनवाई ही नहीं हो पा रही।

कर्मचारी कम, लोड अधिक

शहर के टाउनहाल, बक्शीपुर, मोहद्दीपुर और राप्तीनगर उपकेंद्र से ही पूरे शहर को बिजली सप्लाई दी जाती है। सर्किल में 389 नियमित कर्मचारी और 271 निविदा कर्मी हैं। एक लाख 80 कंज्यूमर्स के हिसाब से इन कर्मचारियों पर काफी वर्क लोड है। अधिकारियों का कहना है कि कभी कर्मचारियों की हड़ताल तो कभी धरना-प्रदर्शन की वजह से भी कार्य प्रभावित होते हैं। कई बार तो वेतन न मिलने के चलते भी संविदा कर्मचारी काम नहीं करना चाहते जिसका खामियाजा कंज्यूमर्स को भुगतना पड़ता है।

इन कामों के लिए दौड़ाते कर्मचारी

बिल सुधार, नया कनेक्शन, मीटर बदलने आदि कई मामलों में बिजली विभाग के कर्मचारी लोगों को इधर से उधर ऑफिस में दौड़ाते हैं।

फैक्ट फिगर

शहर में बिजली कंज्यूमर्स - 1.80 लाख

बिजली विभाग में अधिकारी व कर्मचारी

अधीक्षण अभियंता - 1

अधिशासी अभियंता - 5

सहायक अभियंता -16

कार्यालय अधीक्षक व सहायक - 48

अपर अभियंता - 23

टेक्नीशियन ग्रेड टू - 118

श्रमिक व चतुर्थ कर्मी - 175

संविदा कर्मचारी

कुशल श्रमिक - 196

श्रमिक - 98

कंप्यूटर ऑपरेटर - 21

वर्जन

शहर के कंज्यूमर्स जो भी शिकायतें दर्ज कराते हैं उनका निदान तत्काल करवाया जाएगा। इसके लिए टोल फ्री नंबर भी उपलब्ध है। शिकायतें दर्ज होने पर कर्मचारी मौके पर पहुंच कर निस्तारण करते हैं। हर विभाग में कर्मचारियों की कमी है लेकिन इसमें कंज्यूमर्स को बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जाती है।

- एके सिंह, अधीक्षण अभियंता शहर