अधिकारी के खाते से सेंधमारों ने निकाली धनराशी

पुलिस के जागरूकता अभियान के बावजूद भी नहीं थम रहे मामले

246 ठगी के मामले वर्ष 2017 में अब तक आए हैं सामने।

65 मामलों में चार्जशीट

12 एफआईआर,

169 मामलों की विवेचना जारी है।

128 अभिुयक्तों की गिरफ्तारी की गई।

45 आरोपितों को नोटिस जारी किए गए।

नोट: आईपीसी 420 के तहत दर्ज किए गए हैं ये मामले।

DEHRADUN: राजधानी में साइबर ठगों ने अब ठगी के नए पैंतरे आजमाने शुरू कर दिए हैं। दून में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एटीएम खुद के पास होने के बावजूद खाते से एक नहीं दो नहीं पूरे क्8 बार ट्रांजेक्शन कर लाखों की रकम निकल गई। पीडि़त ने पुलिस से कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। मामले की जानकारी पुलिस और बैंक को पता लगी तो वह भी सकते में आ गए। बहरहाल बैंक और पुलिस मामले की जांच पड़ताल करने की बात कह रहे हैं। लेकिन इस तरह का मामला सामने आने से ठगी के हाईटेक अंदाज का जायजा लिया जा सकता है।

क्8 बार हुआ ट्रांजेक्शन

जीएमएस रोड स्थित जिला खादी ग्रामोद्योग में अधिकारी के पद पर तैनात डा। अल्का पांडे ने बताया कि उनका सैलरी एकाउंट सुभाष नगर स्थित पीएनबी बैंक में है। बीते दिनों वह खाते की जानकारी लेने बैंक गई थी। स्टेटमेंट निकाली तो उनके होश उड़ गए। खाते से अलग-अलग समय पर हजारों की रकम निकाली गई थी। आनन-फानन में उन्होंने खाते से संबंधित जानकारी जुटाई तो पता लगा कि खाते से क्8 बार एटीएम के माध्यम से करीब क् लाख क्ब् हजार की रकम निकाली गई है। जिससे उनके होश फाख्ता हो गए। उन्होंने बताया कि उनका एटीएम उनके ही पास रहता है और उन्होंने ट्रांजेक्शन में दर्शायी जा रही रकम के हिसाब से एक भी पैसा नहीं निकाला है। गजब की बात यह है कि पीडि़त अधिकारी बताती हैं कि यह रकम पिछले दो माह के अंतराल में निकली है और इस बीच एटीएम उनके ही पास था और उन्होंने खाते से संबंधित जानकारी किसी और को भी नहीं दी है। अब पीडि़त अधिकारी ने बैंक और पुलिस से मामले में त्वरित कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

आए दिन साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस अपने स्तर से उचित कार्रवाई करती है। इसके साथ उपभोक्ताओं को भी जागरूक होने की आवश्यकता है।

प्रदीप कुमार राय, एसपी सिटी, दून

क्या कहती है पब्लिक

साइबर ठगी के मामले सामने आते जा रहे हैं। इस प्रकार के मामले में बैंक को उपभोक्ताओं के दृष्गित खातों से संबंधित और सुरक्षात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।

मोबीन अंसारी, राजपुर रोड

बैंक प्रबंधन कई बार ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं पर ही अपना पल्ला झाड़ देता है। स्वयं की कोई जिम्मेदारी न निभानी पड़े इसके लिए पुलिस के पास का रास्त दिखा देता है।

हेमंत, घंटाघर

बैंक की लापरवाहियों की वजह से कई बार उपभोक्ताओं को कष्ट उठाने पड़ते हैं। बैंक और पुलिस को पीडि़त की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

कार्तिक कुमार, करनपुरा

हालांकि साइबर ठगी में उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी प्रमुख है। लेकिन घटना घटित होने पर बैंक और पुलिस को उपभोक्ता की मदद करनी चाहिए।

ऋतु, आढ़त बाजार

राजधानी में कई ऐसे मामले सामने देखने को मिल रहे हैं। पुलिस ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाती है।

रिधिमा, मोती बाजार

पुलिस को ऐसे साइबर ठगों पर पैनी नजर रखते हुए कार्रवाई के साथ-साथ नागरिकों को और अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है।

गौरव, चकराता रोड