-मुगलसराय स्टेशन पर बहुत जल्द होगा चूहों का काम तमाम

-नॉर्दन रेलवे की एक यूनिट को दी जाएगी चूहों को मारने की सुपारी

VARANASI : क्राइम व‌र्ल्ड में किसी का काम तमाम करने के लिए बड़े बड़े शूटर्स सुपारी लेते देते हैं। लेकिन क्या आपने चूहों को मारने की सुपारी लेने की बात सुनी है? आप कहेंगे कि हां हमने सुनी है। जी ठीक कह रहे हैं। वो खबर भी हमने ही आपको बतायी थी। तब किस्सा बनारस के कैंट स्टेशन का था अब मामला मुगलसराय जंक्शन का है। जाहिर है अबकी बार चूहा ज्यादा बड़ा है। इसलिए कहानी को फिर सुनने की दरकार है

बिल में खोज खोज के मारे जाएंगे चूहे

क्राइम से जुड़ी रीयल लाइफ हो या फिर फिल्मी स्टोरी। दोनों में किसी को जान से मारने के लिए उसके नाम की सुपारी दिए जाने की चर्चा आपने जरूर सुनी होगी। बहुत जल्द कुछ ऐसा ही मुगलसराय रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन भी करने जा रहा है। वह भी सुपारी देने का मूड बना रहा है। इसके लिए तैयारियां भी फास्ट हो गई है। पैसेंजर्स व रेलवे इम्पलाईज के लिए सिरदर्द बन चुके चूहों को मार गिराने के लिए रेलवे एक अच्छे शार्प शूटर ट्रस्ट की तलाश में है जो बड़े सलीके से अपने काम को अंजाम दे सके। इसके लिए कई एनजीओ व संस्थाओं से बातचीत चल रही है। बस दरकार है एक अच्छे संस्था की जो रेलवे की सुपारी को एक्सेप्ट कर लें। सूत्रों की मानें तो नार्दन रेलवे की एक यूनिट से सेटिंग लगभग फाइनल हो चुकी है।

तीन दिन पहले हुई मीटिंग

सुपारी देने के लिए सीनियर रेलवे ऑफिसर्स की तीन दिन पहले डीआरएम बिल्डिंग में मीटिंग भी हुई थी। मीटिंग में डिसीजन लिया गया कि रेलवे स्टेशन पर आतंक का पर्याय बन चुके चूहों को टपका दिया जाए। चूहों को मार गिराए जाने के लिए कई तरह के तर्क वितर्क भी दिए गए। एशिया के सबसे बड़े यार्ड में शुमार मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर हावड़ा से दिल्ली यार्ड तक के चूहों की भरमार है। ये चूहे ट्रेन में सफर करते हैं और गवर्नमेंट से लेकर यात्रियों तक के सामानों को नुकसान पहुंचाते हैं। पांच से आठ किलो तक के वजन वाले इन चूहों से हर कोई त्रस्त है। इसीलिए चूहों को मारने के लिए विशेष प्लानिंग चल रही है। ताकि रेलवे स्टेशन को चूहों से बचाया जा सके। इतनी भारी संख्या में मारे जाने वाले चूहों को ठिकाने लगाने के लिए भी जगह की तलाश भी चल रही है।

चलती ट्रेन्स पर लग जाता है ब्रेक

चूहों का आतंक इतना है कि वो चलती हुई ट्रेन्स को भी रोक देते हैं। ट्रेन्स की लोकेशन बताने के लिए रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम (आरआरआई) लगाया गया है जिसे ये चूहे आए दिन कुतर कर खराब कर देते हैं। जिससे अप या डाउन की ट्रेन्स जहां तहां खड़ी हो जाती हैं। जब तक केबिल की रिपेयरिंग नहीं होती तब तक ट्रेन्स खड़ी रहती हैं।

आरपीएफ-जीआरपी खाती है खौफ

बड़े-बड़े बदमाशों से लोहा लेने वाली जीआरपी-आरपीएफ के भी होश उस टाइम फाख्ता हो जाते हैं जब चूहे उनके ऑफिस पर धावा बोल देते है। चूहों से बचने के लिए कई तरह के जतन ऑफिसेज में की जाती है। ताकि जीडी रजिस्टर, मालखाना, कैदी बैरक व शस्त्रागार रूम सेफ रहे।

पी जाते है बोतल की कोल्ड ड्रिंक्स

मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर इस टाइम आठ प्लेटफॉर्म हैं। सभी पर खान पान के स्टॉल हैं। स्टॉल वालों को एक ही चिंता सताती है कि उनकी आधा कमाई को चूहे चट कर जाते हैं। स्टॉल के अंदर बड़े-बड़े बिल देखने को मिलते है जिसे स्टॉल वाले बंद करने के लिए अक्सर उपाय करते रहते हैं। कोल्ड ड्रिंक, अंडा, बिस्किट, ब्रेड, रेल नीर आदि आइट्म को चूहे डेली चट कर जाते हैं।

चूहों को मारने के लिए डीआरएम सहित सीनियर ऑफिसर्स से मीटिंग हुई है। बहुत जल्द इसकी कमान एक संस्था को सौंपी जाएगी। जिसकी चर्चाएं चल रही है।

-डॉ। एसपी साहू, सीएमएस, मंडलीय रेलवे हॉस्पिटल, मुगलसराय

स्टेशन पर चूहों का खौफ बहुत जबर्दस्त है। ट्रेन्स का वेट करते टाइम लगेज तक कुतर देते हैं।

-अविनाश पांडेय, पैसेंजर, मुगलसराय

पार्सल घर में तो चूहों की भरमार है। एक भी पार्सल का माल सही सलामत शॉप तक नहीं पहुंच पाता है। रेलवे को बहुत जल्द कैम्पेन चलाना चाहिए।

-आशुतोष गुप्ता, बिजनेसमैन, मुगलसराय

देश में मुगलसराय रेलवे स्टेशन का बहुत बड़ा नाम है। लेकिन पैसेंजर्स की फैसिलिटी के नाम पर कुछ खास नहीं है। स्टेशन के चूहे सभी को प्रॉब्लम में डाले रहते हैं।

-विकास पाठक, पैसेजर, मुगलसराय

चूहों के कारण रेलवे कोर्ट में काफी प्रॉब्लम क्रिएट होती है। फाइलों को चूहे कुतर देते हैं।

-खालिद वकार आबिद, एडवोकेट रेलवे कोर्ट, मुगलसराय