अभी तक लव मैरिज और अरेंज मैरिज को लव कम अरेंज की केटेगरी में ला खड़ा किया था मगर अब ये कांट्रेक्ट मैरिज की तरफ बढ़ रहे हैं।

ये मैरिज नहीं, धोखा है

कांट्रेक्ट मैरिज भारत में वैलिड नहीं हैं, इसलिए इस तरह की मैरिज हिंदू कम्यूनिटी में होना कानूनी तौर पर गलत है। मगर इसके बाद भी धोखा देते हुए इस तरह की मैरिज कराई जा रही हैं। इन मैरिजों में सबसे ज्यादा यंगस्टर शामिल होते हैं और ये भी वो लोग होते हैं जो लंबे अफेयर के बाद लडक़ी की जिद पर मैरिज करने को सिर्फ इसलिए राजी हो जाते हैं कि लडक़ी किसी तरह से उसके परिवार या पुलिस के सामने जाकर हंगामा न कर दे। इसमें धोखे से कांट्रेक्ट मैरिज को कोर्ट मैरिज बताकर लडक़ा-लडक़ीसाइन कर लेते हैं। लडक़ी ये सोचकर शांत हो जाती है कि उसकी शादी हो गई है और लडक़ा भी इस बात के लिए निश्चिंत हो जाता है कि अब लडक़ी कोई प्रॉब्लम क्रिएट नहीं करेगी।

चाहत कांट्रेक्ट मैरिज की

-मैं सिर्फ थोड़े टाइम के लिए शादी करना चाहती हूं। उसके बाद मैं अपनी लाइफ पर फोकस करूंगी। दरअसल, मैं नहीं चाहती कि शादी न करने को मेरी फैमिली और सोसायटी मेरी नाकामी माने। इसलिए मैं कांट्रेक्ट मैरिज ट्राई करना चाहती हूं।

-मेरा शादी वगैरह में विश्वास नहीं है। इसलिए मैं पहले एक साल के लिए शादी करना चाहती हूं और फिर अगर मुझे ठीक लगा और ऐसा लगा कि मैं इस जिम्मेदारी को उठा सकती हूं तो मैं इस शादी को कंटीन्यू करने के बारे में सोचूंगी।

कांट्रेक्ट मैरिज का प्रस्ताव

-मैं दिल्ली में रहने वाला 30 साल का लडक़ा हूं। फिलहाल सारा फोकस करियर पर होने की वजह से मैं शादी नहीं करना चाहता। लेकिन अब पैरेंट्स के प्रेशर की वजह से मुझे ऐसा करना होगा। मुझे एक ऐसी लडक़ी की तलाश है, जो मेरी ही तरह अपनी पढ़ाई या करियर पर फोकस कर रही हो और उसके घरवाले भी उस पर शादी का प्रेशर बना रहे हों। मैं दिल्ली में रहने वाली किसी ऐसी लडक़ी को तलाश रहा हूं, जो मुझसे दो साल के लिए कांट्रेक्ट मैरेज करने को तैयार हो।

- मेरी फ्रेंड की उम्र 24 साल है। वह एक वर्किंग गर्ल है और रिलेशनशिप में है। उसे हरियाणा, पंजाब या राजस्थान के किसी ऐसे लडक़े की तलाश है, जो सिर्फ सोशल प्रेशर की वजह से कांट्रेक्ट मैरिज करना चाहता हो।

आया था सामने ऐसा मामला

हैदराबाद में पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो लड़कियों की अवैध कांट्रेक्ट मैरिज को अंजाम देता था। इसमें विदेशों से आने वाले टूरिस्टों की शादी 30 दिन के कांट्रेक्ट पर गरीब लड़कियों से करा दी जाती थी। 30 दिन तक इंडिया में रहकर विदेशी मर्द गरीब लड़कियों को शोषण करते और फिर वापस उड़ जाते। इसके बाद लड़कियों की किसी दूसरे आदमी के साथ कांट्रेक्ट मैरेज करा दी जाती। इस काम के लिए लड़कियों की रिश्तेदारों को एक लडक़ी के लिए एक लाख रुपये तक की रकम मिलती थी।

भारत में ये कांट्रेक्ट मैरिज वैलिड ही नहीं हैं। इन मैरिजों को कभी भी कोर्ट में चैलेंज नहीं किया जा सकता है। हिंदू मैरिज एक्ट में तो ये मुमकिन ही नहीं है और न ही हमारा समाज इन्हें एक्सेप्ट करता है."

-अनिल कुमार बख्शी, एडवोकेट

"देश में लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता मिल गई है मगर समाज में अभी भी अगर ऐसे लोग रहते हैं तो वो खुलकर अपने रिश्ते को किसी के सामने नहीं रखते। कांट्रेक्ट मैरिज को फिलहाल हमारे समाज में एक्सेप्ट नहीं किया जाएगा."

-डॉ। दीप्ति कौशिक, समाज शास्त्री

"हमारे यहां निकाह को ताउम्र ही माना जाता है। लडक़ी का ध्यान रखते हुए निकाह में मेहर-ए-फातमी की रस्म होती है। शरियत के हिसाब से ये रस्म लडक़े की हैसियत और लडक़ी के हित को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है."

-जैनुल राशुदीन, शहर काजी

"शिया शरियत में जो निकाह होता है वो जिंदगी भर के लिए तय होता है। हमारे यहां अगर पति-पत्नी एक-दूसरे से तलाक भी चाहते हैं तो वो अपनी मर्जी से ये फैसला नहीं ले सकते। तीन बार कह देने भर से तलाक नहीं हो जाता। आखिरी वक्त तक तलाक को टालने की कोशिशें जारी रहती हैं."

-मौलाना शराफत हुसैन काजमी, सेकेट्री, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड