-पीएमसीएच में स्ट्राइक तीसरे दिन भी जारी, स्टेट भर में कांट्रैक्ट पर बहाल नर्से स्ट्राइक पर

-न दवा न सूई, पेशेंट्स हो रहे हलकान

-आई नेक्स्ट ने 10 सितंबर को छापा था कि स्टेट भर की नर्से जा सकती हैं स्ट्राइक पर

PATNA: पीएमसीएच में नसरें की स्ट्राइक लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। स्ट्राइक की आग पूरे बिहार के मेडिकल कॉलेजों में फैल गई है। पीएमसीएच, एनएमसीएच में तो स्ट्राइक थी ही अब एसकेएमसीएच, डीएमसीएच, एएनएमसीएच, जेएलएनएमसीएच में भी कांट्रैक्ट पर बहाल नर्से स्ट्राइक पर चली गई हैं।

नर्सो का गुस्सा और बढ़ा

रविवार से पहले शनिवार को जो वार्ता हुई थी उससे नसरें के अंदर गुस्सा बढ़ गया है। बातचीत के तौर-तरीके से गुस्साई नर्सो ने कहा कि अब बातचीत केबिन में नहीं होगी और न ही किसी अन्य पक्ष के माध्यम से। अगर गवर्नमेंट बात करना चाहती है तो वह सबके सामने आकर बात करे। इस बारे में बिहार कान्ट्रेक्ट नर्सेस एसोसिएशन की महासचिव प्रमिला ने बताया कि शनिवार को कहा गया कि सीएम से बात होगी लेकिन वहां पि्रंसिपल सेक्रेट्री से बातचीत हुई। प्रमिला ने बताया कि प्रिंसिपल सेक्रेट्री ने कहा कि सभी की नियुक्ति इंटरव्यू के माध्यम से होगी यह कोई जरूरी नहीं है। इस संबंध में जिन नर्सो का कार्य संतुष्टि प्रमाण पत्र सुपरिटेंडेंट से नहीं मिल जाता है तब तक उन्हें इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया जाएगा।

हेल्थ मिनिस्टर करते रहे इंतजार

रविवार को भी बातचीत का प्रयास प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा की ओर से किया गया। उन्होंने नर्सो से कहा कि आप लोग हेल्थ मिनिस्टर के पास जाकर बात कर लीजिए। लेकिन शनिवार की एक्सपीरिएंस से सबक लेते हुए नर्सों ने नहीं जाने का फैसला किया। उधर, हेल्थ मिनिस्टर रामधनी सिंह इंतजार करते रहे कि बातचीत कर इसका हल निकाला जाएगा। नर्सो ने बताया कि हमलोग भी पब्लिक हैं जो भी बात है वे हमसे सीधे कह सकते हैं। हमलोग कहीं केबिन में जाकर बात नहीं करेंगे।

स्टेट भर की नर्से गई स्ट्राइक पर

आई नेक्स्ट ने सबसे पहले क्0 सितंबर के अंक में यह न्यूज पब्लिश की थी कि नर्से ख्ख् से नहीं क्ख् सितंबर से स्ट्राइक पर जाएंगी और यह स्टेट भर में होगा। यही हुआ भी। सरकार समय पर कदम उठाती तो ये नौबत नहीं आती। रविवार को ओपीडी तो नहीं ही चली, इमरजेंसी और वार्डो से भी नर्से गायब रहीं। इसका व्यापक प्रभाव पड़ा। जानकारी के मुताबिक स्टेट भर के सात मेडिकल कॉलेजों पीएमसीएच, एनएमसीएच, डीएमसीएच, एसएमसीएच, अनुग्रह नारायण मेडिकल कालेज, गया, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल, भागलपुर सहित सभी मेडिकल कालेजों में कांट्रेक्ट पर तैनात नर्से स्ट्राइक पर चली गई हैं। प्रमिला का कहना की पूरे बिहार में उसकी संख्या करीब चार से पांच हजार के बीच है।

वार्ड में पेशेंट्स जल्दी-जल्दी हो रहें है डिस्चार्ज

पीएमसीएच के विभिन्न वार्डो में संडे होने के बावजूद पेशेंट्स को जल्दी-जल्दी डिस्चार्ज किया जा रहा है। एक मेडिकल स्टाफ ने रजिस्टर दिखाते हुए बताया कि जब नर्से पेशेंट्स को अटेंड नहीं कर सकती हैं तो उन्हें जल्दी-जल्दी डिस्चार्ज किया जा रहा है। इसे लेकर पेशेंट्स के रिलेटिव भी दबाव दे रहे हैं कि उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाए। अकेले जीएच वार्ड में दिन भर में छह पेशेंट्स को डिस्चार्ज कर दिया गया। जबकि संडे को डॉक्टर प्राय: नहीं होते हैं। सर्जिकल, मेडिसीन और आर्थो वार्ड हर जगह करीब-करीब यही स्थिति रही।

एक शिफ्ट से अधिक ड्यूटी कर रहीं नर्से

जहां एक ओर कांट्रेक्ट पर बहाल नर्से स्ट्राइक पर हैं वहीं दूसरी ओर पर्मानेंट नर्सो से एक शिफ्ट से अधिक काम लिया जा रहा है। इस बारे में आई नेक्स्ट से बात करती हुए एक नर्स ने बताया कि अभी प्रेशर काफी बढ़ गया है। जो मार्निग में ड्यूटी कर रहे थे वे ही इवनिंग में भी ड्यूटी कर रहे हैं। ज्ञात हो कि पहले पीएमसीएच में करीब 800 से अधिक पर्मानेंट नर्से काम कर रहीं थी लेकिन अब इसकी संख्या ख्00 से भी कम रह गयी हैं। ऐसे में पर्मानेंट नर्सो की छुट्टी भी कैंसिल की जा रही है।