RANCHI: अपनी कमी को छिपाने के लिए ठेकेदार कैसे-कैसे कारनामे को अंजाम देते हैं, इसका खुलासा बुधवार को बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाडंगी ने सदन में किया। विधायक ने न सिर्फ इस पूरे मामले की तकनीकी कमियों को उजागर किया बल्कि यह भी कहा कि जिस आधार पर इस पुल का डीपीआर तैयार किया गया है वह कभी सफल नहीं होगा। मिट्टी के अनुरूप पुल का निर्माण नहीं किया जा रहा है। बताया कि वर्ष 2011 में इस पुल का शिलान्यास तत्कालीन मंत्री सुदेश कुमार महतो ने किया था। इसका डीपीआर 2013 में तैयार हुआ। ठेकेदार ने शिलान्यास पट्ट को भी हटा दिया है। अभी तक ब्रिज का एक पिलर बना है। मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने इसका प्रतिवाद किया। कहा, सारी जांच के बाद डीपीआर तैयार की गई है। अब काम में देरी होगी तो ठेकेदार से इसकी भरपाई होगी। युद्धस्तर पर काम शुरू किया जाएगा। स्टीफन मरांडी ने कहा कि सरकार अफसरों और इंजीनियरों को नहीं बचाए। इस बीच राजनीतिक बातें हुई। नीलकंठ ने कहा कि उस वक्त आपकी सरकार थी। स्टीफन ने पलटवार किया, बोले सरकार किसी की भी रहे अधिकारी तो वही हैं। अधिकारियों को बचाने की परंपरा गलत है। हालांकि विधायक के आग्रह पर मंत्री ने कहा कि एक तकनीकी कमेटी से इसकी जांच कराई जाएगी।

सड़कों पर रेस दिखी सरकार

तारांकित सवाल के क्रम में सड़कों के सवाल पर सरकार रेस नजर आई। नागेंद्र महतो ने बगोदर में जीटी रोड समेत अन्य सड़कों के जर्जर होने का मामला उठाया। मंत्री ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का भरोसा दिलाया। रामकुमार पाहन अनगड़ा के गेतलसूद डैम से इंटेक मोड़ तक सड़क की मरम्मत चाहते थे। मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सड़क भी बनेगी और कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। विमला प्रधान ने अपने विधानसभा क्षेत्र की कई सड़कों के खराब होने का मामला उठाया। मंत्री ने कहा कि सभी सड़कें अगले वित्तीय वर्ष में बन जाएगी। फूलचंद मंडल का सवाल धनबाद बरबाअड्डा से गेलाटांड होते हुए आइएसएम हीरक रोड को लेकर था। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि इसके लिए 52.60 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है। कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने कई सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि खराब सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। प्रभारी मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार सैंपल मंगाकर जांच करेगी। सत्येंद्र नाथ तिवारी ने गढ़वा में बाइपास की मांग की। कहा, इससे दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन विभाग के जवाब में इससे इन्कार किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि बाइपास बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।