-यात्रियों को बेटिकट यात्रा करवाकर करते हैं हेराफेरी

मेरठ। परिवहन विभाग में स्थाई कर्मचारियों की कमी के चलते अब अस्थाई यानी संविदा चालक परिचालक ही व्यवस्था संभाल रहे हैं। हालत यह है कि भैंसाली और सोहराबगेट डिपो की करीब 409 बसों पर 569 के करीब संविदा चालक परिचालक काम कर रहे हैं। हालांकि शुरुआत में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति रोडवेज के लिए मुनाफे का सौदा साबित हुई थी, लेकिन अब संविदा कर्मचारियों के भ्रष्टाचार से रोडवेज को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

- 409 बसों पर करीब 569 संविदा कर्मचारी

- 40 प्रतिशत रूटों पर 50 प्रतिशत से कम लोड फैक्टर

- प्रति माह 30 से 35 परिचालकों पर लग रही पेनल्टी

- 27 कम लोड फैक्टर देने वाले परिचालकों की नोटिस

भैंसाली डिपो

235 बसें

313 संविदा कर्मचारी

56 स्थायी कर्मचारी

सोहराबगेट डिपो-

56 बसें

96 स्थाई कर्मचारी

256 संविदा कर्मचारी

वर्जन-

कम लोड फैक्टर या बेटिकट यात्रा कराने वाले संविदा परिचालकों के वेतन से कटौती कर उन पर कार्रवाई की जाती है। इससे भ्रष्टाचार में कमी आ रही है। स्थाई नियुक्ति मुख्यालय स्तर पर ही होती है।

- एसके बनर्जी, आरएम रोडवेज