Voice logger लगाया जाएगा

शिफ्टवाइज कॉल सुनने के लिए कांस्टेबल्स का सेलक्शन कॉल टेकर के रूप में किया जाएगा। इन सभी की ट्रेनिंग कराई जाएगी। कंट्रोल रूम में वॉयस लॉगर लगाया जाएगा। इसमें कॉल टेकर की बातचीत रिकॉर्ड होगी। यही नहीं उसकी कालिंग की क्वालिटी भी चेक की जाएगी। कॉल टेकर की टीम शिफ्टवाइज होगी और हर टीम का एक लीडर होगा। टीम लीडर सभी कॉल टेकर की रिकार्डिंग सुनेंगे और उसको चेक कर रिपोर्ट भी देंगे।

Dispatch system होगा मजबूत

डिस्ट्रिक्ट के सभी रेडियो चैनल 100 नंबर कंट्रोल रूम में स्थापित किए जाएंगे, जिससे दोनों में बेहतर अंडरस्टैंडिंग डेवलप हो। एक रेडियो चैनल पर दो ऑपरेटर तैनात किए जाएंगे। एक वायरलेस से मैसेज फ्लैश करेगा और दूसरा सॉफ्टवेयर पर मैसेज की इंट्री करेगा। फिर उसे फोन से रिलेटेड पर्सन को इंफॉर्म करना होगा। साथ ही ईजी व लॉजिकल कॉल साइन भी डेवलप किए जाएंगे। रेडियो प्रसारण के लिए हेडफोन का यूज किया जाएगा ताकि दूसरे रेडियो ऑपरेटर व कॉल टेकर को प्रॉब्लम न हो। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम में 2 व सिटी कंट्रोल रूम में 3 कंप्यूटर लगाए जाएंगे।

Response suytem

रेस्पांस सिस्टम के डेवलपमेंट के लिए हाई स्किल्ड वर्कर्स का सेलक्शन किया जाएगा। ट्रेनिंग के बाद राइफल की जगह पिस्टल का यूज किया जाएगा। वायरलेस सेटों की व्यवस्था व उनका बेहतर यूज किया जाएगा। पुलिस गश्त अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। गश्त करने वालों के नंबर कंट्रोल रूम में होंगे और उनके पास कंट्रोल रूम में तैनात वर्कर्स के नंबर होंगे। खराब व्हीकल्स की रिपेयरिंग के बाद उन्हें बेहतर लुक में प्रेजेंट किया जाएगा। हाई विजिबिलिटी जैकेट का यूज किया जाएगा। हेलमेट भी यूज किए जाएंगे। यही नहीं 100 नंबर की ज्यादा से ज्यादा पब्लिसिटी की जाएगी। इसके लिए पुलिस के सभी व्हीकल्स के साथ-साथ अन्य डिपार्टमेंट के व्हीकल्स का भी यूज किया जाएगा। इस सर्विस से क्राइम कंट्रोल में जरूर मदद मिलेगी।