राज्य विधि अधिकारियों की नयी सूची पर विवाद

prayagraj@inext.co.in

प्रदेश सरकार द्वारा आठ फरवरी को जारी की गयी राज्य विधि अधिकारियों की सूची विवाद में फंस गयी है। विरोध के चलते 289 राज्य विधि अधिकारियों में से अधिकांश को ज्वाइन तो करा लिया गय है किन्तु उन्हें ड्यूटी नहीं दी गयी है। इसका कारण लखनऊ से नये नियुक्त राज्य विधि अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के दिशा निर्देश प्राप्त न होना बताया जा रहा है।

कमेटी के समक्ष नहीं रखी गयी सूची

सूत्र बताते हैं कि जारी सूची को कमेटी के समक्ष नहीं रखा गया और महाधिवक्ता को विश्वास में लिए बगैर सूची जारी कर दी गयी। राज्य विधि अधिकारियों की जारी सूची में संघ व संगठन से जुड़े कई सक्रिय कार्यकर्ताओं को हटा दिया गया और अनुभवी व योग्य लोगों की नियुक्ति न कर कचेहरी के अधिवक्ता व पंजीकरण कराकर व्यवसाय कर रहे या घर में बैठे कभी कभार कोर्ट आने वाले वकीलों को शामिल कर दिया गया। इसी का विरोध हो रहा है। पार्टी व संगठन स्तर पर भारी विरोध के चलते महाधिवक्ता ने कार्यभार न सौंपने को कहा है। उनके निर्देश के अभाव में किसी को ड्यूटी नहीं दी गयी। इस सूची में 10 ऐसे अधिवक्ता शामिल हैं जो नियुक्ति की अनुभव योग्यता नहीं रखते। उन्होंने ज्वाइन नहीं किया है। विधि परामर्शी कार्यालय बताया है कि ऐसे लोगों को ज्वाइन नहीं कराया जायेगा।