प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सिंचाई योजना की बैठक की अध्यक्षता करते हुए देश के इरिगेशन नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए व्यापक रणनीति बनाने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस साल मॉनसून में कम बारिश की चुनौती को को अवसर में बदलने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सुझाव दिए कि सिंचाई के लिए नए रास्ते निकाले जाने चाहिए और ये भी बताया कि छोटे तालाब बनाकर इसका फौरी समाधान किया जा सकता है।  

मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि इस साल बारिश कम हो सकती है। पीएमओ के के बयान में बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने इसी के बाद अधिकारियों को इस चुनौती को एक अवसर में बदलने की सलाह दी है। उन्होंने सिंचाई के क्षेत्र में प्रशासनिक व्यवस्था, वित्तीय व्यवस्था और तकनीक के नए तरीकों की समीक्षा करने की बात की है। उनका मानना है कि इससे निर्णय लेने की में आसानी होगी, समय भी कम लगेगा और नए रास्ते भी मिलेंगे। किसानों को मदद करने में भी इन बेहतर तरीको के चलते आसानी हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने कम अवधि में बड़ी संख्या में तालाब बनाने की बात भी कही।

मोदी ने सुझाव दिया कि सिंचाई की योजना जिलास्तर पर बनानी चाहिए। सिविल सर्विसेज के यंग ऑफिसर्स को डिस्ट्रिक्ट लेवल इरिगेशन प्लान बनाने के लिए कहना चाहिए।  राज्यों में फसलों के ट्रेंड को देखकर सिंचाई योजना को बनायी जानी चाहिए। इसके साथ मॉडर्न और माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम्स का भी इस्तेमाल बढ़ना चाहिए। उन्होंने देश भर में सिंचाई के पारंपरिक तौर-तरीकों का नए सिरे से अध्यहयन करने की जरूरत पर भी बल दिया। कुछ राज्यों में घटते ग्राउंड वॉटर लेवल पर बात करते हुए कहा कि ऐसे में खेती के तरीकों में बदलाव करना जरूरी है।

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