- डीडीयूजीयू के दीक्षा भवन में आयोजित हुआ 35वां दीक्षांत समारोह

- प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ। शैलेश नायक व गवर्नर राम नाईक के हाथों सम्मानित हुए होनहार

<- डीडीयूजीयू के दीक्षा भवन में आयोजित हुआ फ्भ्वां दीक्षांत समारोह

- प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ। शैलेश नायक व गवर्नर राम नाईक के हाथों सम्मानित हुए होनहार

GORAKHPUR: GORAKHPUR: डीडीयूजीयू का फ्भ्वां दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ। यूनिवर्सिटी के दीक्षा भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम के दौरान चीफ गेस्ट रहे प्रख्यात वैज्ञानिक, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, केंद्र सरकार डॉ। शैलेश नायक व गवर्नर राम नाईक ने टॉपर्स को मेडल पहना सम्मानित किया। इस दौरान जहां सत्र ख्0क्म् के कुल क्क्फ् टॉपर्स को सम्मानित किया गया। वहीं सत्र ख्0क्भ् के छह होनहारों को भी मेडल मिले। स्टूडेंट्स को सम्मानित किए जाने से पहले विद्वत परियात्रा निकाली गई। जिसमें कार्यपरिषद, विद्यापरिषद के साथ रजिस्ट्रार अशोक कुमार अरविंद शामिल रहे। इसके अलावा अतिथियों में नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल, मेयर डॉ। सत्या पांडेय, डीएम संध्या तिवारी, एसएसपी राम लाल वर्मा, पूर्व मेयर अंजू चौधरी आदि मौजूद रहे।

यूनिवर्सिटी टॉपर बने मृदुत्पल

दीक्षांत समारोह के दौरान सम्मानित होने पर टॉपर्स की खुशी देखते ही बन रही थी। इन होनहारों ने अपनी सफलता का श्रेय टीचर्स सहित अपने परिवार को दिया। सबसे ज्यादा 90.म्ख् परसेंट मा‌र्क्स हासिल कर यूनिवर्सिटी टॉपर बने एमएससी मैथ के मृदुत्पल नीलोर्मि गुप्त के लिए तो ये लम्हा बहुत ही ज्यादा खास रहा। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद अपनी लगन से उन्होंने ये मुकाम हासिल कर दिखाया। आंखों में खुशी की चमक लिए मृदुत्पल ने इस कामयाबी का श्रेय अपने पैरेंट्स सहित टीचर्स को दिया। उनका कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी वे सिविल सर्विसेज में करियर बनाना चाहते हैं।

नन्हे बेटे के सामने मां को मिला मेडल

दीक्षांत समारोह के दौरान सम्मानित होने वाले होनहारों में एक और टॉपर बेहद खास थीं। शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रख एमएससी एग्रीकल्चर में टॉप करने वाली सविता रानी सिंह अपने सात माह के बेटे संस्कार के साथ दीक्षांत में पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि शादी होने के बाद उन्होंने पति व ससुराल वालों से पढ़ाई जारी करने की इच्छा जताई थी जिसे परिवार ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इतना ही नहीं, बेटे के जन्म के बाद भी परिवार ने पढ़ाई जारी रखने में बहुत सपोर्ट किया। सविता ने अपने गोल्ड मेडल का क्रेडिट पूरी तरह पति व सास-ससुर के सपोर्ट को दिया। सविता बताती हैं कि वह आगे भी अपनी पढ़ाई जारी रख पीएचडी करेंगी। उनका सपना शिक्षिका बनने का है।

कोट्स

आज मुझे गोल्ड मेडल मिला। इसका श्रेय मेरे पैरेंट्स और टीचर्स के सहयोग को जाता है। मैं आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी सिविल सर्विसेज में अपना करियर बनाना चाहता हूं।

- मृदुत्पल नीलोर्मि गुप्त, एमएससी मैथ

शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखने में पति व ससुराल वालों का बहुत सपोर्ट मिला। इस मेडल का क्रेडिट मेरे परिवार को जाता है। आगे भी पढ़ाई जारी रख शिक्षिका बनना चाहती हूं।

- सविता रानी सिंह, एमएससी एग्रीकल्चर