47 स्टूडेंट्स को मिली डिग्री

इस कंवोकेशन सेरेमनी में 47 स्टूडेंट्स को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम) की डिग्री दी गई। इसमें 17 गल्र्स स्टूडेंट थी जबकि अन्य ब्वायज थे। मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को आईआईएम, बेंगलुरू के फॉर्मर डायरेक्टर प्रो। केआरएस मूर्ति के हाथों से डिग्री मिली। प्रो। मूर्ति कंवोकेशन प्रोग्राम के चीफ गेस्ट थे।

कलीग से जले नहीं, सीखें

अपने कंवोकेशन अर्डेस में प्रो। मूर्ति ने स्टूडेंट्स को अर्डेस करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में जल्द ही वे प्रोफेशनल के रूप में अपनी एक नई लाइफ शुरू करेंगे। जाहिर है कि वे एक ग्रुप में काम करेंगे और उनके साथ कलीग भी होंगे। उन्होंने कहा कि प्रोफेशनल लाइफ में सक्सेसफुल होने के लिए जरूरी है कि वे अपने कलीग के सक्सेस और अचीवमेंट्स से जले नहीं। बेहतर होगा कि वे अपने कलीग के एक्सीलेंस से सीख लें।

प्रोफेशनल लाइफ में प्रैक्टिकल कर उतारें

प्रो। मूर्ति ने स्टूडेंट्स को यह भी सलाह दी कि स्टूडेंट हमेशा खुद को अपडेट करते रहें। जो कुछ उन्होंने स्टडी के दौरान थ्योरी के रूप में सीखा है, उसे अपने प्रोफेशनल लाइफ में प्रैक्टिकल कर उतारें। साथ ही उन्होंने वार्निंग भी दी कि जो कुछ स्टूडेंट्स ने अब तक सीखा है वे सिर्फ उसी के भरोसे न रहें।

आईआईए लेवल का बनाना है

प्रोग्राम के दौरान सीआईएमपी के एग्जीक्यूटिव कमेटी के चेयरमैन और बिहार गवर्मेंट के चीफ सेक्रेटरी अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि सीआईएमपी को आईआईएम के लेवल का बनाना ही गवर्नमेंट का मोटो है। इस दौरान श्री सिन्हा ने यह एश्योरेंस दिया कि जल्दी ही सीआईएमपी का अपना कैंपस बन कर तैयार हो जाएगा। प्रोग्राम में वेलकम अर्डेस सीआईएमपी के डायरेक्टर डॉ। वी। मुकुंद दास ने दिया। इस दौरान एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अमरजीत सिन्हा भी मौजूद थे।

मेरा सलेक्शन नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड में मैनेजमेंट टे्रनी के रूप में हुआ है। मेरी प्लानिंग है कि मैं आने वाले सालों में अपने इस जॉब से मिले एक्सपीरिएंसेज का इस्तेमाल बिहार में डेयरी सेक्टर के डेवलपमेंट के लिए करूं। फिलहाल बिहार का डेयरी सेक्टर बहुत ही अन-ऑर्गेनाइज्ड है।

शिल्पी वर्मा

सीआईएमपी के रूप में मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए बिहार के स्टूडेंट्स को बहुत ही अ'छा इंस्टीट्यूट मिला है। अभी भी बड़ी संख्या में बिहार से स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए माइग्रेट करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि बिहार में मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए सीआईएमपी जैसे और भी इंस्टीट्यूट खुले।

रवि रंजन, गोल्ड मेडलिस्ट

मेरा सलेक्शन टाटा एडवांस सिस्टम में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में हुआ है। मैं कुछ साल तक नौकरी करने के बाद पीएचडी करूंगा और टीचिंग के फील्ड में अपना कॅरियर बनाउंगा। हालांकि अभी एकेडमिक फील्ड में एंट्रेस करने की प्रक्रिया बहुत जटिल है, इसे सरल करने की जरूरत है।

वेद प्रकाश, सिल्वर मेडलिस्ट

बिहार के लिए हमें बहुत कुछ करना है। रूरल एरिया के लिए बहुत कुछ करना है। फॉर्चुनेटली मेरा सेलेक्शन बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रोग्राम जीविका में हुआ है। मैं इसके जरिए बिहार में वुमन इंपॉवरमेंट के प्रोसेस को और आगे बढ़ाउंगी।

अमृता कुमारी

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