एक मंथ से ज्यादा लगता है वक्त

डीडीयू में कनवोकेशन के दौरान मेडल की लिस्ट फाइनल करने में एक मंथ से ज्यादा वक्त लगता है। कनवोकेशन कमेटी से जुड़े एक एंप्लाई ने बताया कि कंपलीट रिजल्ट डिक्लेयर हो जाने के बाद उसमें से टॉपर्स का सेलेक्शन किया जाता है। इसमें यूनिवर्सिटी और उससे एफिलिएटेड कॉलेजेज के स्टूडेंट्स को भी शामिल किया जाता है, इसलिए लिस्ट तब तक फाइनल नहीं होती, जब तक पूरे रिजल्ट डिक्लेयर नहीं होते। सभी रिजल्ट के डिक्लेयर होने के बाद भी गोल्ड मेडलिस्ट की लिस्ट फाइनल करने में कम से कम एक मंथ का वक्त लगना तय है, अगर रिजल्ट डिक्लेयर नहीं हुए तो यह वक्त और भी बढ़ सकता है। इसकी वजह यह है कि पहले क्लास और स्ट्रीम वाइज टॉपर्स की लिस्ट फाइनल की जाती है। इसमें सभी कॉलेजेज के स्टूडेंट्स शामिल रहते हैं। इन सभी में टॉप मोस्ट को गोल्ड मेडल दिया जाता है। इसमें 40 से 45 दिन का वक्त लग ही जाता है।

7 दिन में मांगी जाती है आपत्ति

यूनिवर्सिटी अपने लेवल से गोल्ड मेडलिस्ट की लिस्ट फाइनल कर देता है तो उसके बाद भी कनवोकेशन में उन्हीं को गोल्ड मेडल मिल जाएंगे यह फिक्स नहीं होता। इसके लिए यूनिवर्सिटी रूलिंग के हिसाब से यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडलिस्ट की लिस्ट फाइनल कर पब्लिश करती है और स्टूडेंट्स से आपत्ती मांगती है कि अगर किसी स्टूडेंट्स का उससे ज्यादा नंबर हो तो वह आकर क्लेम कर सकता है। अगर कोई आपत्ति आती है तो टॉपर्स का नाम चेंज हो जाता है। इस दौरान यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को एक वीक का वक्त देती है।

लास्ट इयर एक दिन पहले फाइनल हुई थी टॉपर्स लिस्ट

लास्ट इयर डीडीयू के 31वें कनवोकेशन के लिए गोल्ड मेडल पाने वालों की लिस्ट लास्ट डे फाइनल हो सकी थी। इसमें दो सेशन के स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल दिए जाने थे। इसकी वजह से लास्ट इयर 77 स्टूडेंट्स को 187 मेडल्स दिए जाने के लिए लिस्ट फाइनल हो सकी थी। इससे पहले रॉ लिस्ट में 89 स्टूडेंट्स को 189 मेडल दिए जाने थे। इसको लेकर यूनिवर्सिटी में काफी दिनों से माथापच्ची भी चल रही थी। इस मेडल की लिस्ट को फाइनल करने के लिए यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स से आपत्ति भी मांगी थी। पहले इसके लिए 13 अक्टूबर डेट तय की गई थी, लेकिन इसके बाद भी लिस्ट में कमियां मिली थीं जिसके बाद डेट को एक्सटेंड करके 16 अक्टूबर कर दिया गया था, जबकि 18 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी का कनवोकेशन हुआ था।

या आधे-अधूरे रिजल्ट पर होगा कोरम पूरा

यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन जिस तरह से कनवोकेशन की तैयारियों में जुट गया है, उससे तो लगता है कि वह तय वक्त पर ही कनवोकेशन कराएंगे। इस बात से तो यही लगता है कि कहीं यूनिवर्सिटी आधे-अधूरे रिजल्ट डिक्लेयर कर सिर्फ कनवोकेशन का कोरम तो पूरा नहीं करने की तैयारी में हैं। यूनिवर्सिटी सोर्सेज की माने तो दिसंबर की फस्र्ट वीक में कनवोकेशन होने हैं। अगर रिजल्ट की यही स्पीड रही तो दिसंबर में कनवोकेशन कराना काफी मुश्किल होगा। वहीं यूनिवर्सिटी के लोगों की माने तो इस बार भी लास्ट इयर की तरह कुछ बच्चों को शामिल नहीं किया जाएगा और डिक्लेयर्ड रिजल्ट में से ही टॉपर्स की लिस्ट फाइनल की जाएगी।