यह है स्थिति

584321 कॉपियां कुल जांची जानी हैं.

544588 कॉपियां केंद्रों पर पहुंची हैं.

जीआईसी में

93548 कापियां

14974 कॉपियां मंगलवार को जांची गई

490 परीक्षक

412 उपस्थित

78 अनुपस्थित

राम सहाय इंटर कॉलेज

96423 कॉपियां

8748 कॉपियां मंगलवार को जांची गई

344 परीक्षक

272 उपस्थित

72 अनुपस्थित

सनातन धर्म इंटर कॉलेज

176212 कापियां

21590 कॉपियां मंगलवार को जांची गई

670 परीक्षक

535 उपस्थित

135 अनुपस्थित

केके इंटर कॉलेज

178405 कॉपियां

15439 कापियां मंगलवार को चेक

595 परीक्षक

517 उपस्थित

78 अनुपस्थित

यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की कॉपियों में स्टूडेंट्स ने आंसर की बजाय लिख डाली कहानियां

7 प्रतिशत मूल्यांकन कार्य, नकल विहीन परीक्षा का दिख रहा असर

Meerut. इस सत्र में बदले पैटर्न पर हुई यूपी बोर्ड की दसवीं और 12वीं की परीक्षाओं में छात्र खरे नहीं उतर पा रहे हैं. यही वजह है कि मूल्यांकन के दौरान आंसर शीट में छात्रों ने सवालों के जवाब कम बल्कि पास होने की गुहारें ज्यादा लगाई हैं. कॉपियों में छात्रों का बेहद खराब प्रदर्शन नजर आ रहा है. यह स्थिति खासतौर से साइंस, इंग्लिश, मैथ्स जैसे विषयों में ज्यादा दिख रही है. इसकी वजह से परीक्षक भी पुअर मार्किंग करने पर मजबूर हैं.

17 फीसदी मूल्यांकन कार्य

जिले में मूल्यांकन कार्य की गति धीमी ही चल रही है. 4 केंद्रों पर अभी तक 17 प्रतिशत मूल्यांकन कार्य पूरा हुआ है. इसके तहत कुल 99601 कॉपियां ही जांची गई हैं. मंगलवार को सभी केंद्रों पर मिलाकर 60751 कॉपियां चेक की गई. अधिक संख्या में अनुपस्थित परीक्षकों की वजह से भी मूल्यांकन कार्य की गति पर असर पड़ रहा है. मंगलवार को भी करीब 350 परीक्षक अनुपस्थित रहे.

मिल रहे कम अंक

मूल्यांकन के दौरान कॉपियों में नकल रोकने की कवायद का पूरा असर दिख रहा है. परीक्षार्थियों ने जवाब न आने पर प्रश्नों को ही घुमाकर लिख दिया है. मंगलवार को भी आंसर की जगह पास होने की गुहार लिखी मिली. कई कॉपियां परीक्षकों के सामने आई. राम सहाय इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि कॉपियां में पास करने के लिए स्टूडेंट्स ने अपील की है हालांकि परीक्षकों को कड़े निर्देश हैं कि वह सही जवाब पर ही मूल्यांकन करें.

रोल नंबर में मिली गड़बड़ी

केके इंटर कॉलेज में मूल्यांकन के दौरान एक कॉपी में रोल नंबर में गड़बड़ी मिलने की सूचना पर हड़कंप मच गया. प्रिंसिपल वीर बहादुर ने बताया कि दो कॉपियों के पहले पेज पर एक ही रोल नंबर लिखा था, जिसकी वजह से नकल का शक हुआ. कॉपियों को खंगाला तो पहले पेज पर ही रोल नंबर सेम थे अन्य पेजों पर अलग रोल नंबर था जिसके बाद कंफ्यूजन दूर हो गया.

सभी जगह मूल्यांकन कार्य सही रूप से चल रहा है. किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी अभी तक सामने नहीं आई है. पूरी शुचिता के साथ काम प्रगति पर है.

गिरजेश कुमार, डीआईओएस, मेरठ.