-आरयू में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार बीएससी और एमएससी की सबसे अधिक पहुंची आरटीआई

-आरयू के मूल्यांकन पर उठाए सवाल सछास नेता आए समर्थन में

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BAREILLY :

आरयू में उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन प्रक्रिया पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बीएससी, एमएससी के स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में फेल होने के बाद उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लापरवाही का मुद्दा जोर पकड़ा था। इस बीच दूसरे सब्जेक्ट्स के भी तमाम स्टूडेंट्स ने 15,000 से अधिक आरटीआई दाखिल कर उत्तरपुस्तिकाओं का अवलोकन करने की मांग कर दी। इतनी बड़ी संख्या में कॉपी के मूल्यांकन को लेकर स्टूडेंट्स की चुनौती से आरयू एडमिनिस्ट्रेशन भी सकते में है। हालांकि, कॉपी अवलोकन की प्रक्रिया में भी कई पेंच हैं, जिसके चलते उन्हें आरयू की कथित लापरवाही से लड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

नया नहीं लापरवाही का किस्सा

आरयू में उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर लापरवाही का आरोप कोई नया मामला नहीं है। पिछले वर्षो में भी सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स ने आरटीआई दायर की थी और कॉपी का अवलोकन किया था। इस बार मसला इसलिए तूल पकड़ लिया है कि यह संख्या हजारों में पहुंच गई है। हर एक स्टूडेंट को कॉपी का अवलोकन कराना बड़ी चुनौती भी होगी। इस दौरान स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी पर ज्यादा सवाल तो नहीं खड़े कर सकेंगे, लेकिन कॉपी की फोटो क्लिक कर सच को बेपर्दा जरूर कर सकेंगे, जिससे आरयू की लापरवाही सबके सामने आ सकती है।

स्टूडेंट्स के लिए बड़ी चुनौती

-आरटीआई के बाद स्टूडेंट्स सिर्फ री-टोटल और बगैर चेक की गई कॉपी को ही चेक करा सकते हैं।

-अगर कॉपी जांची गई है या रेड पेन से मार्क है तो उस कॉपी को न तो चेक करा सकते हैं और न ही उस क्वेश्चन के आंसर में अपने मा‌र्क्स बढ़वा सकते हैं।

- ऐसे में, स्टूडेंट्स के समक्ष कोर्ट की शरण में जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं रहेगा।

अगले वर्ष से बदला जाएगा रूल्स

-ईसी ने फैसला लिया था कि स्टूडेंट्स अगले वर्ष से कॉपी का दोबारा मूल्यांकन भी करा सकते हैं।

-स्टूडेंट्स को इसके लिए पिटीशन दायर करनी होगी जिसमें मूल्यांकन कराने के लिए प्रार्थना पत्र देना होगा।

- मूल्यांकन के लिए दो हजार रुपए प्रति कॉपी शुल्क भी जमा करना होगा। दोबारा मूल्यांकन में स्टूडेंट्स के मा‌र्क्स बढ़ते हैं तो उसे दो हजार रुपए वापस कर दिए जाएंगे। अन्यथा, रुपए वापस नहीं किए जाएंगे।

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हम चाहते हैं स्टूडेंट्स की मदद करें, लेकिन नियम के विरूद्ध जाकर हम कोई काम नहीं कर सकते हैं।

प्रो। अनिल शुक्ला, वीसी, आरयू

फैक्ट्स एंड फिगर

1446 आरटीआई वर्ष 2017

15,000 से अधिक अब तक आई आरटीआई

6- माह तक एग्जाम के बाद डाल सकते हैं आरटीआई

3-माह तक सेमेस्टर प्रणाली के लिए आरटीआई का समय

10-रुपए का पोस्टल आर्डर है फीस

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