रेलवे के आलाधिकारियों संग की बैठक

समय से निर्माण पूरा होने को बताया जरूरी

ALLAHABAD: चेयरमैन रेलवे बोर्ड एके मित्तल ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर समर्पित माल-भाड़ा गलियारा परियोजना (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड) के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि यह भारतीय रेल एवं राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने एनसीआर जीएम एमसी चौहान, पूर्व मध्य रेलवे डीके गायेन एवं प्रबंध निदेशक, भारतीय समर्पित माल-भाड़ा गलियारा निगम लिमिटेड आदेश शर्मा के साथ बैठक में कई मामलों पर मंथन किया। उन्होंने कारीडोर के समय पर निर्माण का आवश्यक बताया।

पावर प्वाइंट से बताई उपयोगिता

बैठक में माल-भाड़ा गलियारा परियोजना की प्रगति के विषय पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया। एमडी ने बताया कि कारीडोर को दो हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें पूर्वी गलियारा 1318 किलोमीटर तथा पश्चिमी गलियारा 1504 किलोमीटर लंबाई के साथ कुल लंबाई 2822 किलोमीटर लंबाई है। इसकी कुल लागत 81459 करोड़ है। बताया कि भारत में पहली बार मेकेनाइज्ड तरीके से 603 किलोमीटर ट्रैक बिछाने का कार्य इसी परियोजना के तहत किया जा चुका है। इस परियोजना मे 31 मार्च 2017 तक कुल 32088 करोड़ का पूंजीगत व्यय किया जा चुका है। यह भी कहा कि यह रेल लाइन परियोजना 7 राज्यों, 61 जिलों, 1000 गांवों एवं कुल 10589 हेक्टेयर भूमि में फैली है। परियोजना से 304603 लोग प्रभावित हुए हैं।

नही होगी कोई भी लेवल क्रासिंग

उन्होंने बताया कि इस रेलमार्ग में कोई भी लेवल क्रॉसिंग नहीं होगी, जिससे रेल परिचालन सुचारू होगा और राहगीरों का समय भी बचेगा। कहा कि सोन नदी पर तीन किलोमीटर लंबा रेल पुल तैयार किया जा चुका है, जो कि इस परियोजना का सबसे लंबा पुल है। यह परियोजना सात राज्य उत्तर प्रदेश (1077 किमी), बिहार(100 किमी), पंजाब (88 किमी), हरियाणा (248 किमी), राजस्थान (567 किमी), गुजरात (565 मिली), महाराष्ट्र (177 किमी) राज्य लाभांवित होंगे। इस परियोजना का 38 प्रतिशत भाग उत्तर प्रदेश में पड़ रहा है। एनसीआर के मुख्य परिचालन प्रबंधक ने इलाहाबाद मंडल के दाउद खां स्टेशन पर अतरिक्त फ्लाइओवर, दाउद खां तथा अलीगढ के मध्य 7.06 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन तथा रूमा-चंदारी स्टेशनों के मध्य 11.36 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन का प्रस्ताव रखा।