- घूसखोर बैंक मैनेजर को सीबीआई ने 5 साल पहले किया था अरेस्ट

- आरोपी बैंक मैनेजर पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया

DEHRADUN: करीब पांच साल पहले घूसखोरी के मामले में गिरफ्तार द्वारहाट में तैनात नैनीताल बैंक के मैनेजर को सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को चार साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी को दस हजार रुपए जुर्माना भी जमा करने का आदेश दिया है। दरअसल होम लोन की फाइनल किश्त रिलीज कराने के एवज में आरोपी ने एक हजार रुपए की रिश्वत ली थी।

नैनीताल बैंक का था मैनेजर

अल्मोड़ा जिले के द्वारहाट स्थित कालीखोली रोड हाट निवासी जगदीश सिंह रौतेला ने 2010 में नैनीताल बैंक की द्वारहाट ब्रांच से अपनी पत्‍‌नी लता रौतेला के नाम तीन लाख 80 हजार का होम लोन लिया था। मकान बनाने के बावजूद बैंक मैनेजर और बानखान नीम की मटिया(प्रेमनगर) बरेली निवासी सीएम राठौर ने उनकी 52 हजार रुपए की फाइनल किश्त रोक दी। इसके एवज में उनके द्वारा जगदीश से एक हजार रुपए की घूस की मांग की गई। 11 जनवरी 2011 को इस मामले में सीबीआई को शिकायत की गई। सीबीआई ने 13 जनवरी को आरोपी मैनेजर को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सीबीआई ने अप्रैल 2011 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। तब से यह मामला ट्रायल में चल रहा था। शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट में अभियोजन पक्ष के वकील पंकज गुप्ता ने आठ गवाह और दस्तावेज पेश किए। इसके बाद सीबीआई विशेष जज अनुज संगल की कोर्ट ने आरोपी मैनेजर को अलग-अलग धाराओं में चार साल की सजा सुनाई है। आरोपी पर दस हजार रुपये का भी जुर्माना लगाया गया है।

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अनुपमा गुलाटी हत्याकाण्ड: 3 सितंबर को अलगी सुनवाई

DEHRADUN: शहर के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में शुक्रवार को आरोपी राजेश गुलाटी की ओर से बचाव साक्ष्य दाखिल किया गया। इसमें उसने अनुपमा की एमबीए की डिग्री, बच्चों के स्कूल की फीस रसीदें व अन्य दस्तावेज दाखिल किए। हांलाकि पिछली सुनवाई में उसने बचाव साक्ष्य देने से इनकार कर दिया था। बचाव साक्ष्य से पूर्व अभियोजन पक्ष ने 70 गवाहों की सूची में से ब्ब् गवाहों के बयान दर्ज करवाए हैं। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए फ्0 सितंबर की डेट तय की है।

म् साल पहले की थी हत्या

दरअसल राजेश गुलाटी पर आरोप है कि दिसंबर ख्0क्0 में उसने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी। प्रकाश विहार निवासी राजेश गुलाटी ने पत्नी की हत्या के बाद उसका शव ठिकाने लगाने के इरादे से शव के टुकड़े-टुकड़े कर डाले थे। इन टुकड़ों को वह डीप फ्रीजर में रखकर एक-एक कर मसूरी के जंगल में फेंकता रहा। इसमें से एक टुकड़ा पुलिस को मसूरी रोड के जंगल से बरामद हुआ था। अनुपमा हत्याकांड का खुलासा तब हुआ जब उसका भाई सुजान प्रधान अपने दोस्त के साथ अपनी बहन से मिलने आया। हत्याकांड के खुलासे वाले दिन ही पुलिस ने आरोपी राजेश गुलाटी को गिरफ्तार कर लिया था।