- स्कॉलरशिप स्कैम में अरेस्ट डिप्टी डायरेक्टर अनुराग शंखधर का मामला

- एसआईटी ने हरिद्वार के बैंकों से मांगी अकाउंट्स की डिटेल

- विभाग से मांगा सैलरी का ब्योरा और प्रॉपर्टी की जांच शुरू

देहरादून:

करोड़ों के स्कॉलरशिप स्कैम में अरेस्ट किए गए जनजाति निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर अनुराग शंखधर की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. स्कॉलरशिप स्कैम की जांच कर रही एसआईटी ने उसके बैंक अकाउंट, प्रॉपर्टी और परिजनों की इनकम खंगालने की कार्रवाई शुरू कर दी है. एसआईटी द्वारा जल्द ही शंखधर के परिवार और परिजनों से इस संबंध में पूछताछ की जा सकती है. इधर अनुराग शंखधर को अभी तक सस्पैंड नहीं किया गया है, हालांकि अफसरों ने इसके पीछे छुट्टी का हवाला देकर सोमवार तक इस मामले में कार्रवाई की बात कही है.

हरिद्वार से किया था अरेस्ट

दशमोत्तर स्कॉलरशिप स्कैम के मास्टरमाइंड अनुराग शंखधर को एसआईटी ने 15 मई को हरिद्वार से अरेस्ट किया था. हाई कोर्ट के आदेश पर शंखधर की अरेस्टिंग हुई, एसआईटी ने इससे पहले 7 घंटे तक उससे पूछताछ की थी. 16 मई को उसे एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से 30 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया गया था.

अब तक 60 करोड़ का खेल

हरिद्वार और दून में बतौर जिला समाज कल्याण अधिकारी तैनात रहे जनजाति निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर अनुराग शंखधर पर स्कॉलरशिप में करोड़ों के घपले का आरोपी है. स्कॉलरशिप में हुई अब तक 60 करोड़ की गड़बड़ी एसआईटी जांच में पकड़ी गई है.

बैंकों से मांगी अकाउंट्स की जानकारी

एसआईटी ने इस मामले में अब जांच तेज कर दी है. शंखधर के बैंक अकाउंट्स और लॉकर की जानकारी हरिद्वार जिले के बैंकों से तलब की गई है. इसके अलावा विभाग से शंखधर को जारी सैलरी का भी ब्योरा मांगा गया है. उसके नाम यूपी और उत्तराखंड में दर्ज प्रॉपर्टी की भी जांच शुरू कर दी गई है. इतना ही नहीं उसके परिजनों के बैंक अकाउंट्स, प्रॉपर्टी और दूसरी संपत्ति का आंकड़ा भी एसआईटी जुटाने में लग गई है. दून, हरिद्वार, बदायूं और बरेली में शंखधर की प्रॉपर्टी और दूसरे कारोबार पर भी एसआईटी की नजर है.

विभाग ने अब तक नहीं किया सस्पैंड

करप्शन के मामले में पहले गिरफ्तारी और फिर न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने के चार दिन बाद भी समाज कल्याण विभाग ने शंखधर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की है. उसे अब तक सस्पैंड नहीं किया गया है. इस मामले पर विभागीय उच्चाधिकारियों का कहना है कि छुट्टी के चलते शंखधर की गिरफ्तारी की सूचना निदेशालय से अब तक नहीं मिली है. सोमवार को इस मसले पर कार्रवाई की जाएगी.

करप्शन के चार्ज में न्यायिक हिरासत में बंद शंखधर के बैंक अकाउंट्स की डिटेल बैंकों से मांगी गई है. यूपी, उत्तराखंड में उसकी प्रॉपर्टी की पड़ताल भी की जा रही है, साथ ही विभाग से सैलरी को लेकर भी जानकारी मांगी गई है.

- मंजूनाथ टीसी, इंचार्ज, एसआईटी

अब दून के कॉलेजों पर तिरछी नजर

हरिद्वार में पांच कॉलेजों के खिलाफ एसआईटी अभी तक कार्रवाई कर चुकी है. तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी समेत 12 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. वहीं, दून के कॉलेजों के खिलाफ अभी जांच शुरू ही हुई है. प्रेमनगर, डोईवाला, राजपुर इलाकों में संचालित 26 से ज्यादा कॉलेज एसआईटी की रडार पर हैं. इनके खिलाफ डोईवाला और प्रेमनगर थाने में केस भी दर्ज किया जा चुका है. अब इन कॉलेजेज पर एसआईटी की तिरछी नजर है.