- अप्रैल 2009 के एक मामले में रिश्वत लेते गिरफ्तार लेखपाल धर्मेद्र यादव को सजा

देहरादून, अप्रैल 2009 में रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए लेखपाल धर्मेद्र यादव को विशेष न्यायाधीश एसीबी कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 4 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। लेखपाल को 3000 रुपए जुर्माना भी देना होगा, न देने पर एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

बस अड्डा रुड़की हरिद्वार से रिश्वत लेते हुए था गिरफ्तार

वर्ष 2009 में हरिद्वार निवासी लखमीर सिंह पुत्र हरि सिंह ने विजिलेंस में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। बताया था कि पिता के निधन के बाद उनकी 28 बीघा जमीन उन्होंने तीन भाइयों (मांगेराम, लखमीर सिंह, ऋषिपाल) के नाम तहसील अभिलेखों में दर्ज कराने के लिए लेखपाल धर्मेद्र यादव से संपर्क किया। लेखपाल ने तहसीलदार हरिद्वार से इस संबंध में आदेश कराने को कहा। जिस पर 31 मार्च 2009 को तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक व लेखपाल को रिपोर्ट देने के आदेश दिए। जब वह आदेशों को लेकर लेखपाल के पास गए तो उसने इस काम के लिए पांच हजार रुपये मांगे। बाद में वह दो हजार रुपये में मान गया। इस बीच लखमीर सिंह ने लेखपाल की शिकायत विजलेंस से कर दी। जिसके बाद 4 अप्रैल को विजलेंस टीम ने लेखपाल धर्मेद्र कुमार यादव को मिलकपुर चुंगी प्राइवेट बस अड्डा रुड़की हरिद्वार से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (एसीबी कोर्ट) आरके खुल्बे ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने लेखपाल को दोषी करार देते हुए सश्रम चार साल की सजा और तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया।