-थानों से मिलीभगत से खेल, पब्लिक को नहीं मिल रही थी हेल्प

-एसएसपी ने एक पीआरवी से हटाकर दूसरी पीआरवी में की तैनाती

BAREILLY: अवैध वसूली और सांठ-गांठ का खेल कर सिस्टम को ब्रेक कर रहे डायल 100 की पीआवी 'पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल' के 48 प्रभारियों 'हेड कॉन्स्टेबल प्रमोटी और हेड कॉन्स्टेबल' को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। इन्हें पीआरवी कमांडर कहा जाता है। एसएसपी की इस बड़ी कार्रवाई से महकमे में सनसनी फैल गई है। इनकी जिस थाने में पोस्टिंग थी, उसी थाने एरिया की पीआरवी में भी पोस्टिंग करा ली थी। फिर क्या था जो खेल पहले से चल रहा था, वह जारी था। क्योंकि उन्हें तो एरिया में होने वाले सारे अवैध धंधों की जानकारी जो थी। कहीं न कहीं इसका असर पुलिस की वर्किंग के साथ-साथ पब्लिक की हेल्प पर पड़ रहा था।

शुरुआत से ही पोस्टिंग का खेल

प्रदेश में बरेली के साथ-साथ यूपी 100 की शुरुआत 19 नवंबर 2016 को हुई थी। यूपी 100 में तैनाती से पहले सभी थानों से एचसीपी व हेड कॉन्स्टेबल और कांस्टेबल की लिस्ट मांगी गई थी। इसके अलावा ड्राइवर्स के लिए होमगा‌र्ड्स की तैनाती की गई थी। सभी को ट्रेनिंग दी गई और फिर उनकी पोस्टिंग कर दी गई। शुरुआत से ही यूपी 100 में पोस्टिंग को लेकर खेल चलता रहा है। ज्यादातर पुलिसकर्मियों ने उसी एरिया की पीआरवी में पोस्टिंग करा ली, जिस थाने में वह मुंशी या बीट कॉन्स्टेबल थे।

झगड़ों से हुइर् शुरुआत

शुरुआत से ही पीआरवी में तैनात पुलिसकर्मियों और थाना पुलिस में झगड़े शुरू हो गए। क्योंकि एक एरिया में दो-दो लोग कैसे उगाही कर सकते थे। यूपी 100 में तैनात पुलिसकर्मी सट्टा, जुआ और खनन वालों को बिना सूचना धरपकड़ करने लगे। इससे थानों की पुलिस की वसूली का खेल बिगड़ने लगा, जिसके बाद इस पर रोक लगाई गई।

नहीं दर्ज करते हैं रिपोर्ट

यही नहीं यूपी 100 पर सूचना आने के बाद पीआरवी पीडि़त को थाने लेकर जाती है, लेकिन थाने पुलिस यहां भी खेल कर देती है। पुलिस थानों में सेटिंग कर लेती है और बिना रिपोर्ट दर्ज किए आरोपियों को छोड़ देती है। जब इस मामले में सख्ती बरती गई तो फिर एसपी ट्रैफिक ऑफिस से रिपोर्ट भेजकर संबंधित मामलों में एनसीआर व एफआईआर दर्ज कराई गई। अभी भी कई मामलों में ऐसा होता है, जिसके चलते पुलिस पर आरोप लगते हैं।

इन आरोपों में हुआ ट्रांसफर

एसएसपी ने यूपी 100 में तैनात 48 पुलिसकर्मियों को अनुशासनहीनता, गुटबंदी व अवैध क्रिया कलापों की शिकायतों व आशंका के चलते ट्रांसफर किया है। इसको लेकर पीआरओ की ओर से एसएसपी के नाम से पोस्ट भी डाली गई है। जिसमें पब्लिक हित में ऐसा करने की बात लिखी है। आइए बताते हैं कि किस तरह से पुलिसकर्मी अनुशासनहीनता, गुटबंदी और अवैध क्रियाकलाप में शामिल होते हैं--

अनुशासनहीनता-जब भी कोई यूपी 100 में सूचना जाती है तो पीआरवी को ट्रांसफर की जाती है। पीआरवी को तुरंत मौके पर पहुंचकर एक्शन लेना होता है, लेकिन कई बार पीआरवी में तैनात पुलिसकर्मी मौके पर देरी से पहुंचते हैं। अपने सीनियर्स की बात नहीं मानते हैं। यही नहीं पब्लिक से भी मिसबिहैव करते हैं। जिससे पुलिस की छवि खराब होती है।

गुटबंदी -गुटबंदी पुलिस में अक्सर देखी जाती है। पुलिसकर्मी कई बार जाति व धर्म के आधार पर गुटबंदी करते हैं, जिससे पब्लिक को हेल्प नहीं मिल पाती है। यही नहीं पुलिसकर्मी एरिया के प्रधान, पार्षद, नेता व अन्य प्रभावशाली व्यक्ति से मिलकर भी पब्लिक की हेल्प नहीं करते हैं। यहां तक एक ही एरिया में रहने पर पूर्वाग्रह से ग्रसित हो जाते हैं।

अवैध क्रियाकलाप -अवैध क्रियाकलापों के तहत पुलिसकर्मी लोगों से अवैध वसूली करते हैं। यही नहीं कई बार झगड़े की शिकायत पर पीआरवी में दोनों पक्षों को बैठाकर ले जाते हैं और फिर रास्ते में ही रिश्वत लेकर उन्हें छोड़ देते हैं। अवैध सट्टा, शराब, जुआ व अन्य धंधे भी करवाते हैं। यहां तक उनकी पकड़े जाने पर भी मदद कर देते हैं।

इनका हुआ ट्रांसफर

हेड कॉन्स्टेबल प्रमोटी- वीरपाल सिंह, रामपाल सिंह, कुशलपाल सिंह, महेंद्र सिंह, महिपाल सिंह, सूर्यपाल सिंह, अरुण कुमार, रामपाल शर्मा, उदयवीर सिंह, भोपाल सिंह, यशवीर सिंह, जगपाल सिंह, राकेश मिश्रा, गुलाब सिंह, खचेड़ृ सिंह, सुच्चा सिंह, सरनाम सिंह, मुलायम सिंह, राजेंद्र सिंह, पीतांबर सिंह, अशोक कुमार, फुरकान उल्ला,

हेड कॉन्स्टेबल-फुलैना प्रसाद, पवन कुमार, ओमवीर, योगेंद्र यादव, दिलीप सिंह, सुरेंद्र कुमार, मोहम्मद युनुस खां, अतर सिंह, चंद्रिका प्रसाद, ओंकार सिंह, ओमकार सिंह, वीर सिंह, मचल सिंह, शिव कुमार वर्मा, विजयपाल, द्रगपाल सिंह, ऋषिपाल सिंह, रामनरेश भदौरिया, रामवीर सिंह, बाबूराम,

50 पुलिसकर्मियों को मिला दंड

यूपी 100 में तैनात 48 पीआरवी कमांडर का ट्रांसफर करने से पहले अब तक इस वर्ष करीब 50 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। जिसमें से पब्लिक की हेल्प न करने या गलत एक्टिविटी में शामिल होने पर 4 को सस्पेंड, 1 को लाइन हाजिर और करीब 45 को लघु दंड दिया गया है।

203 पुलिसकर्मी भी हटाए गए

एसएसपी ने पीआरवी से पहले थानों में दो वर्ष से जमे सिपाहियों का भी दूसरे थानों में ट्रांसफर किया है। यह सिपाही भी लगातार थानो में जमे रहकर वसूली के खेल में शामिल हो गए थे या फिर सही से काम नहीं कर रहे थे। अभी एसएसपी ने महिला कॉन्स्टेबल व मुंशी की पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर नहीं किया है लेकिन सेकंड लिस्ट में इन सबका नंबर है।

थाने एरिया की पीआरवी में तैनाती या 9 महीने से अधिक एक ही पीआरवी में तैनात 48 एचसीपी व एचसी का ट्रांसफर किया है। ऐसा अनुशासनहीनता, गुटबंदी व अवैध क्रियाकलापों की शिकायतों व आशंकाओं के चलते किया गया है।

कलानिधि नैथानी, एसएसपी