आगरा। सिंचाई विभाग में अफसरों और ठेकेदारों की जुगलबंदी किसी से छुपी नहीं है। जनपद में नहर सफाई के लिए शासन से मिला 12 लाख रुपये का बजट इसी जुगलबंदी की भेंट चढ़ गया। इस बारे में भाकियू के जिलाध्यक्ष श्याम सिंह चाहर ने किसान दिवस में अफसरों से शिकायत की है। उन्होंने इस मामले में एक शिकायती पत्र डीएम पंकज कुमार को भी दिया है। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष ने बताया कि इस बार शासन ने जनपद की तकरीबन 70 छोटी-बड़ी नहरों की सफाई के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट मुहैया कराया था। नहरों की सफाई के नाम पर बजट को ठिकाने लगा दिया। वित्तीय वर्ष 2014 समाप्त होते-होते मार्च के लास्ट में एक अधिकारी की जुगलबंदी से मिलकर ठेकेदारों ने 12 लाख रुपये नहरों, नालों व माइनरों की सफाई के नाम पर निकाल लिया, लेकिन औपचारिकता की रस्म अदायगी कर सफाई का पूरा काम दिखा दिया।

इन माइनरों की नहीं हुई सफाई

सिंचाई विभाग के मानक के अनुसार नहर या माइनरों की सफाई तलहटी झाड़ होती है, लेकिन विभागीय अफसरों की मिलीभगत से खुदाई की औपचारिकता ही निभाई गई। इसमें फतेहपुर सीकरी माइनर, सिकरौदा, दूरा, अयेला, कागारौल, जाजऊ बाह क्षेत्र की माइनर भी शामिल हैं।

जनपद में नहरों की स्थिति

जनपद में छोटी-बड़ी तकरीबन 70 नहर माइनर हैं। इसमें आगरा-फतेहपुर सीकरी रजवाह, आगरा रजवाहा, सिकंदरा रजवाह, आगरा-टर्मिनल रजवाह, रोहता माइनर, वीरई, जाजऊ, अयेला, कागारौल माइनर के अलावा बाह, एत्मादपुर क्षेत्र में छोटी-बड़ी कई नहरें हैं। इनसे बड़े पैमाने पर सिंचाई की जाती है। इन माइनर नहरों से आगरा अनुभाग में एक लाख 61 हजार सीमान्त किसान, 51 हजार 823 लघु और व बड़े किसान नहरों से सिंचाई करते हैं।

एक्सईएन कैनाल शरद कुमार सिंह ने कहा कि इस बार कितना बजट आया था, इसकी मुझे जानकारी नही है, नहरों में सफाई के नाम पर यदि कोई गड़बड़ी हुई है, तो उसको दिखवाया जाएगा।