-पूर्व डीएम गौरव दयाल ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए शुरू की थी सेल

-करीब तीन वर्ष शुरू हुई सेल पर धनराशि न होने का हवाला देकर लगाया ताला

BAREILLY: प्रमाण पत्र, बिजली कनेक्शन, फूड लाइसेंस समेत अन्य कामों के लिए रिश्वत लेने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की अब बल्ले-बल्ले हो गई है। क्योंकि जिले में उन पर निगरानी रखने वाली से नो टू करप्शन सेल (एसएनटीसी) पर ताला लग गया है। या यूं कहें कि अब से एस टू करप्शन हो गया है। न तो इस सेल से किसी फरियादी के पास कोई फोन जा रहा है और न ही रिश्वत लेने वाले पकड़े जा रहे हैं और न ही उन पर कोई एक्शन ले रहा है। अधिकारी एसएनटीसी को बंद करने के लिए धनराि1श न होने का हवाला दे रहे हैं.

कई कर्मचारी फंस चुके जाल में

पूर्व डीएम गौरव दयाल ने फरवरी 2015 में से नो टू करप्शन सेल का गठन किया गया था। एनआईसी के जरिए इसे लोकवाणी सेंटर के जरिए संचालित किया जा रहा था। इसके तहत जन शिकायत केंद्र में एक ऑफिस ओपन किया गया था। यहां एक ऑपरेटर, लैंड लाइन और मोबाइल नंबर रखा गया था। इसके तहत सभी ऑफिसेस से वहां प्रमाण पत्र या अन्य किसी काम से आने वाले विजिटर्स का रजिस्टर वीकली मंगाया जाता था। उसके बाद एसएनटीसी से विजिटर्स को फोन किया जाता था। फोन पर पूछा जाता था कि उससे कोई रिश्वत तो नहीं ली गई। इसकी एक सीडी तैयार की जाती थी। उसके बाद बातचीत को लिखित बनाकर डीएम और एडीएम ई के सामने पेश किया जाता था। एडीएम ई ऑफिस से संबंधित विभाग को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाता था और उसके बाद रिश्वत लेने वाले पर कार्रवाई की जाती थी। इस मामले में एक बार 25 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। कई लेखपालों पर भी कार्रवाई की गई थी। कई बिजली विभाग के भी कर्मचारी फंसे थे और वेतन भी रोके गए थे।

तो क्या इसलिए बंद हुई सेल

पिछले कुछ दिनों पहले एसएनटीसी के जाल में कई फूड डिपार्टमेंट के कर्मचारी फंसे थे। जिसके बाद डीएम आर विक्रम सिंह ने पूरे रिकॉर्ड मांग लिए थे। डीएम के रिकॉर्ड मांगने पर हड़कंप मच गया था। उसके बाद कार्रवाई की भी बात सामने आयी थी, लेकिन 20 दिसंबर 2017 के बाद सेल को अचानक बंद कर दिया गया। हवाला दिया गया कि लोकवाणी सेंटर बंद हो गए हैं, जिसके चलते धनराशि नहीं मिल पा रही है। इसलिए एसएनटीसी को भी बंद कर दिया गया।

से नो टू करप्शन सेल को बंद कर दिया गया है। इसके लिए धनराशि नहीं इकट्ठा हो पा रही है। इसके लिए धनराशि लोकवाणी सेंटर्स से आती थी, जो बंद हो गई है।

एसपी सिंह, एडीएम ई /प्रभारी डीएम