-डासना से मेरठ के बीच 32 किमी 6 लेन के निर्माण की लागत1400 करोड़

-नहीं मिल रही निर्माणी कंपनी, 4 बार निविदा की बढ़ चुकी है डेट

आई एक्सक्लूसिव

अखिल कुमार

मेरठ: नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक केंद्र सरकार में लागत की मंजूरी न मिल पाने से डासना-मेरठ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य ठप है। बेशक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को नियत समय सीमा में निर्माण का दावा कर रहे हैं, लेकिन स्थितियों को देखकर तो ऐसा नहीं लगा रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल में निकलकर आया कि अभी चौथे फेस के ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए निर्माणी संस्था का चयन नहीं हो सका है, जबकि 4 बार निविदा की डेट को एनएचएआई आगे बढ़ा चुका है।

नहीं मिल रहा ठेकेदार

6 लेन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे परियोजना के चौथे चरण में डासना से मेरठ तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण होना है। ठेकेदार न मिलने से 32 किमी का यह हाइवे पिछली 2 सालों से निर्माण की बाट जोह रहा है जबकि 3 अन्य फेस अवार्ड तक हो चुके हैं। हालांकि इस बाबत एनएचएआई का मानना है कि इस सड़क के निर्माण की लागत बढ़कर करीब 1400 करोड़ रुपये हो गई है और यह धनराशि अप्रूवल के लिए केंद्र सरकार (सड़क मंत्रालय) के पाले में है। अप्रूवल मिलते ही ऑक्शन कराकर निर्माणी कंपनी का चयन कर लिया जाएगा। प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरपी सिंह ने बताया कि फिलहाल 16 मई को निर्माणी संस्था की तलाश के लिए खुली निविदाएं होंगी। अवार्ड होने के 24 माह में हाइवे के निर्माण का दावा पीडी ने किया।

जोह रहा बाट

जिला प्रशासन की ओर से मेरठ जनपद की सीमा में एक्सप्रेस-वे के निर्माण के मद्देनजर 14 गांवों की करीब 100 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। 90 प्रतिशत मुआवजा राशि भी किसानों में बांट दी गई है। एनएचएआई ने जिला प्रशासन (भू-अधाप्ति विभाग) को 530.84 करोड़ रुपये दिया गया था जिसमें से विभाग ने 486.21 करोड़ रुपये किसानों में मुआवजे के तौर पर बांट दिया है। मेरठ के चंदसारा, टिकौली, घोसीपुर, हाजीपुर, खानपुर, नगला पातू, नरहैड़ा, अछरौड़ा, अमीनगर, भूड़बराल, बराल, परतापुर, सलौनी आदि सहिम 14 गांवों में परियोजना के लिए 3 चरणों में भूमि अधिग्रहण किया गया।

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डासना-मेरठ के बीच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अभी आरंभ नहीं हो सका है। केंद्रीय सड़क मंत्रालय से रिवाइज लागत को मंजूरी मिलते ही कंपनी का चयन कर निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।

आरपी सिंह, परियोजना निदेशक, मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे