अप्रैल से जून की रैंकिग में जिले में 69 वें नंबर पर
72 जिलों की सूची में सबसे कम रैकिंग वाले 10 जिलों में हुआ शामिल
Meerut। जिला में गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चे की देखरेख के लिए स्वास्थ्य विभाग का मदर चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (एमसीटीएस) फिसड्डी साबित हो रहा है। एचएमआईएस यानी हेल्थ मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम की ओर से मिली अप्रैल से जून की रैंकिग में 72 जिलों की सूची में सबसे कम रैकिंग वाले 10 जिलों में शुमार हैं। रैंकिंग के हिसाब से मेरठ 69वें नंबर पर है। जबकि टॉप पर सीतापुर है।
यह है एमसीटीएस योजना
एमसीटीएस यानि मदर-चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी से पहले और बाद की सभी सेवाएं, बच्चों को टीकाकरण की पूरी श्रृंखला विभाग की ओर से निशुल्क दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग को सभी गर्भवती महिलाओं का रिकार्ड तैयार करना होता है। इसके आधार पर स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ समय-समय पर गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है।
निचले पायदान की रैकिंग स्थिति
फैजाबाद - 72
कानपुर नगर -71
मऊ - 70
मेरठ - 69
बरेली- 68
शाहजहांपुर- 67
इटावा - 66
टॉप रैकिंग वाले जिले
सीतापुर- 1
राय बरेली- 2
बलरामपुर- 3
श्रावस्ती- 4
मुरादाबाद- 5
सहारनपुर- 6
रामपुर- 7
यह है रजिस्टर्ड गर्भवती महिलाएं
2017-18 में रजिस्टर्ड- 25725
2018-19 में रजिस्टर्ड- 14204
पहली तिमाही में रजिस्टर्ड गर्भवती महिलाएं
2017-18 में रजिस्टर्ड- 13112
2018-19 में रजिस्टर्ड- 7096
गर्भवती के लिए इन जांचों का लाभ
पहली तिमाही में स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं पंजीकरण कराया जाता है।
कम से कम तीन बार प्रसव पूर्व जांच करवाई जाती है।
हर बार ब्लडप्रेशर, यूरिन, ब्लड की जांच जरूरी होती है।
गर्भावस्था में कम से कम 10-12 किलो वजन बढ़ने के लिए मॉनिटिरिंग होती है।
टिटनेस टाक्सॉयड के दो टीके लगवाएं जाते हैं। पहला टीका गर्भावस्था की पुष्टि होने पर और दूसरा माहभर बाद।
3 महीने तक प्रतिदिन आयरन व फोलिक एसिड की एक गोली दी जाती है।
बच्चों का टीकाकरण का यह लाभ मिलता है
जन्म से 3 साल तक बच्चे को बीसीजी, पोलियो, हेपेटाइटिस, खसरा आदि बीमारियों से बचाव के लिए टीका लगवाया जाता है।
16-24 माह तक के बच्चे को डीपीटी बूस्टर, पोलियो बूस्टर विटामिन ए का टीका दिया जाता है।
24-36 माह के बच्चे को विटामिन ए की टीका।
48-60 माह के बच्चे को दो बार विटामिन ए का टीका।
निर्देशानुसार छह माह से ज्यादा के बच्चे को आयरन व फोलिक एसिड सीरप दिया जाता है।
एक साल से अधिक के बच्चे को साल में दो बार पेट के कीड़े की रोकथाम की दवाई दें।
नवजात की देखभाल छठें सप्ताह तक विशेष रूप से करें।
आशा और एएनएम की ओर से स्वास्थ्य विभाग को पूरा डाटा प्राप्त नहीं कराया जा सका था। जिसकी वजह से पोर्टल पर पूरा रिकार्ड फीड नहीं हो पाया था। इस वजह से हम पीछे रह गए हैं।
डॉ। राजकुमार, सीएमओ, मेरठ