-स्कूल में पंजीकृत हैं करीब पौने चार सौ बच्चे, नियमित रूप से चलती है क्लास

BAREILLY

एक तरफ पूरे सूबे में परिषदीय स्कूल्स में शिक्षा का स्तर दयनीय है, तो वहीं दूसरी ओर एक ऐसा भी स्कूल है, जो सर्व शिक्षा अभियान की लाज बचाए हुए है। हम बात कर रहे हैं बरेली के कटघर जूनियर हाईस्कूल की। जहां पर नियमित रूप से क्सासेज हैं। बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। यही वजह है कि सालभर पहले खुले स्कूल यहां पढ़ने वाले पौने चार सौ बच्चे कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों को टक्कर देने की क्षमता रखते हैं।

फटाफट देते हैं जवाब

कॉन्वेंट और पब्लिक स्कूल्स के नौनिहालों की तरह क्वेश्चंस पूछे जाने पर फटाफट आंसर देने में प्राइमरी विद्यालय कटघर और जूनियर हाईस्कूल कटघर के स्टूडेंट्स आगे हैं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने टीचर से बच्चों की नॉलेज जानने के लिए कुछ क्वेश्चन पूछने की बात कही। टीचर ने एक तीसरी क्लास के बच्चे से संडे की स्पेलिंग पूछी, तो उसने तपाक से बता दी। वहीं 12 का पहाड़ा सुनाने को कहने पर पूरी क्लास एक साथ शुरू हो गई। इसके साथ ही उन्होंने जीके के भी कई सवालों का सही उलार दिया।

बाउंड्रीवॉल की है जरूरत

हालांकि बिल्डिंग निर्माण के वक्त विभाग ने शौचालय निर्माण की अनदेखी की लेकिन एक एनजीओ ने स्कूल परिसर में चार शौचालय का निर्माण कराया। जबकि बाद में विभाग ने भी दो शौचालय का निर्माण कराया। स्कूल पढ़ाई संबंधित कोई दिक्कत नहीं है लेकिन स्कूल के चारों ओर बाउंड्रीवॉल न होने के चलते बच्चों की सेफ्टी की फिक्र टीचर्स को सताती है। दरअसल, स्कूल के पीछे से रेलवे लाइन गुजरी है। इंटरवल और छुट्टी के वक्त जब स्टूडेंट स्कूल से छूटते हैं तो यह डर लगता है कि कहीं कोई बच्चा रेलवे क्रॉसिंग के पास गया तो दुर्घटना भी हो सकती है।

क्यों हैं पढ़ाइ्रर् में अव्वल

स्टूडेंट्स को पढ़ाने का समय है फिक्स।

टाइम टेबल के मुताबिक होती है पढ़ाई।

सब्जेक्ट वाइज टीचर स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं।

बच्चे नियमित रूप से क्लास अटेंड करते हैं।

अभिभावक हेल्प लाइन का नंबर 0581-2511050 लिखा है।

कटघर जूनियर हाईस्कूल में बांउड्रीवॉल के लिए शासन को कई बार लेटर लिखा जा चुका है। शासन से हरी झंडी मिलते ही बाउंड्रीवॉल का निर्माण करा दिया जाएगा।

अरविंद पाल, जिला कोऑर्डीनेटर