- यूपीटीयू की काउंसलिंग में हो रही देरी से छिटक सकते हैं स्टूडेंट्स

- एमबीए और बीटेक में पहले ही सीटों के मुकाबले 30,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं कम

BAREILLY: यूपीटीयू ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग सेंटर्स तो फिक्स कर दिए हैं, लेकिन काउंसलिंग शेड्यूल का अभी तक कुछ पता नहीं है। यूपीएसईई का रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद से ही स्टूडेंट्स काउंसलिंग शुरू होने का वेट कर रहे हैं। लेकिन यूपीटीयू की इस बार की काउंसलिंग प्रक्रिया पहले के मुकाबले लेट हो गई है। रिजल्ट डिक्लेयर किए हुए 23 दिन का समय बीत चुका है, लेकिन यूपीटीयू अभी तक केवल वेरिफिकेशन और च्वाइस लॉक प्रक्रिया की शुरुआत होने की संभावित तिथि ही घोषित कर पाया है। काउंसलिंग में हो रही देरी की वजह से इसमें कोई दोराय नहीं कि एडमिशन के समय स्टूडेंट्स काउंसलिंग प्रक्रिया से ही दूरी बना लें।

20 मई को डिक्लेयर हुआ था रिजल्ट

स्टेट के इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में एडमिशन के लिए कंडक्ट की गई यूपीएसईई का रिजल्ट 20 मई को डिक्लेयर हुआ था। तब से आज तक स्टूडेंट्स काउंसलिंग स्कीम का वेट कर रहे हैं। काफी टाइम बाद यूपीटीयू ने काउंसलिंग शुरू होने की संभावित तिथि घोषित की। 15 जून से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और 28 जून से च्वाइस लॉक की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। सभी रैंक के स्टूडेंट्स पहले अपने डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन कराएंगे। इसके बाद स्टूडेंट्स को च्वाइस लॉक करने का अवसर दिया जाएगा।

केवल सेंटर ही फिक्स

काउंसलिंग प्रक्रिया को लेकर यूपीटीयू ने अभी तक केवल सेंटर ही फिक्स किए हैं। पूरे प्रदेश में 96 सेंटर्स बनाए गए हैं। वहीं बरेली में 5 सेंटर्स पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम होगा। इसके अलावा अभी तक यूपीटीयू कुछ भी फाइनल नहीं कर पाया है। यूपीटीयू के रजिस्ट्रार केके चौधरी ने इंस्टीट्यूट्स को काउंसलिंग व्यवस्था में लगे सभी टीचर्स के डिजिटल सिग्नेचर मांगे हैं। इसके बाद ही काउंसलिंग प्रक्रिया को घोषित किया जाएगा।

कहीं छिटक न जाएं स्टूडेंट्स

यूपीटीयू की काउंसलिंग लेट होने से इंस्टीट्यूट को स्टूडेंट्स का छिटकने का डर सता रहा है। वैसे भी यूपीटीयू के इंस्टीट्यूट्स में कम ही स्टूडेंट्स ने इंट्रेस्ट दिखाया है। यूपीटीयू के एमबीए की 40,000 सीटों के लिए महज 9,342 स्टूडेंट्स ने ही आवेदन किया था। जिसमें से महज 8,726 स्टूडेंट्स ही पास हुए। वहीं बीटेक के करीब 1.70 लाख सीटों के मुकाबले करीब 1.40 लाख स्टूडेंट्स ही पास हुए हैं। ऐसे में एमबीए और बीटेक काउंसलिंग से पहले ही स्टूडेंट्स का टोटा झेल रहे हैं।