खुद भरवाते हैं सारे फॉर्म

कैंप का नेतृत्व खुद मंतालाल करते हैं। फॉर्म भरवाने से लेकर उसे वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर जमा करने तक पूरी जिम्मेदारी मंतालाल स्वयं उठाते हैं। मंतालाल कहते हैं कि वो इलेक्शन ऑफिस से फॉर्र्म- 6, 7, 8, 8एलाकर घर पर रख लिए हैं, जिनको कैंप में बांटा जाता है। इसके अलावा अगर उनके घर पर कोई आ जाता है तो उसे फॉर्र्म दे देते हैं। एक फरवरी से लेकर अभी तक 300 फॉर्र्म भरे जा चुके हैं। जिनमें से 200 फॉर्र्म इलेक्शन ऑफिस में जमा किए जा चुके हैं। वह बताते हैं कि सिर्फ फॉर्र्म जमा करते समय बीएलओ की हेल्प ली जाती है।

एक-एक फॉर्र्म का रखते हैं रिकार्ड

मंतालाल यादव जितने भी फॉर्र्म भरवाते हैं। उन सभी का रिकॉर्ड एक रजिस्टर में मेंटेन करते हैं। इसके अलावा जिनका फॉर्र्म भर गया है और जिनका कार्ड उन्हें मिल गया है, यह भी रिकॉर्ड रखा जाता है। मंतालाल का कहना है कि वे जिस गली में कैंप लगाते हैं, दो दिन पहले उस गली में एक नोटिस बांट कर जानकारी दे देते हैं, ताकि जिनका कार्ड नहीं बन पाया है उनको जानकारी मिल जाए।

मैं पार्षद हूं, वार्ड की प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन खोजने की जिम्मेदारी भी मेरी बनती है। पिछले नगर निकाय चुनाव के समय हमारे वार्ड में बहुत से ऐसे लोग मिले, जिनके पास वोटर आईडी कार्ड?ही नहीं था। तभी मैंने सोच लिया था कि चाहे चुनाव जीतूं या हार जाऊं, इलेक्शन के बाद वार्ड के सभी लोगों का वोटर आईडी कार्ड बनवाना है। पिछले अगस्त से अक्टूबर तक जब कार्ड बन रहे थे, उस समय 500 से अधिक लोगों का कार्ड बनवाया था। इस बार 1 फरवरी से लेकर अभी तक 200 लोगों का आवेदन जमा कर चुका हूं।

मंतालाल यादव, पार्षद

मेरे घर में किसी का वोटर आईडी कार्ड नहीं बना था। फॉर्म के लिए कई बार इलेक्शन ऑफिस गया, लेकिन फॉर्म नहीं मिला। इस कैंप के बारे में पता चला तो चला आया। फॉर्म भर कर जमा भी कर दिया है। जिस स्पीड से इलेक्शन कमीशन काम कर रहा है, उम्मीद है कि दो माह में कार्ड बन जाएगा।

ब्रह्मदेव सिंह, स्थानीय निवासी

कई बार फॉर्म 6 और 8 के लिए इलेक्शन ऑफिस गया था, घंटों इंतजार करने के बाद भी फॉर्म नहीं मिल पाया। मंतालाल जी के कैंप के बारे में जानकारी मिली तो वहां गया। कैंप में फॉर्म तो मिला ही, उसे जमा करने से भी मुक्ति मिल गई। दो दिन बाद फॉर्र्म जमा होने की रसीद भी मिल गई। ऐसे कैंप से पब्लिक को बहुत राहत मिलती है।

सत्येंद्र सैनी, स्थानीय निवासी