-डिप्रेस न हो स्टूडेंट्स, होगी काउंसलिंग

GORAKHPUR: बोर्ड एग्जाम डेट डिक्लेयर होते ही जहां स्टूडेंट्स की टेंशन बढ़ जाती है, वहीं पैरेंट्स के दिल की धड़कनें भी। स्टूडेंट्स को जहां एग्जाम और रिजल्ट की टेंशन होती है, वहीं पैरेंट्स को अपने लाडले की। अक्सर एग्जाम के बाद स्टूडेंट्स के डिप्रेशन में जाने या सुसाइड अटेंप्ट के मामले काफी बढ़ जाते हैं। स्टूडेंट्स के करियर और फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए एग्जाम डेट डिक्लेयर होने के साथ ही काउंसलिंग प्रोग्राम भी स्टार्ट हो गए है। रीजनल साइकोलॉजिकल सेंटर की ओर से विभिन्न स्कूल, कॉलेज में काउंसलिंग प्रोग्राम कराए जाएंगे। जिसमें स्टूडेंट्स के साथ पैरेंट्स को भी अवेयर किया जाएगा।

जुबिली से होगा स्टार्ट

एग्जाम के टाइम और रिजल्ट से पहले अक्सर स्टूडेंट्स डिप्रेशन में चले जाते हैं। इसको लेकर सीबीएसई ऑनलाइन काउंसलिंग कराने के साथ कई अवेयरनेस प्रोग्राम भी कराती है। इस बार यूपी बोर्ड में भी स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराई जाएगी। जिसके लिए रीजनल साइकोलॉजिस्ट कविराज कुमार ने पूरी तैयारी कर ली है। इसकी स्टार्टिग जुबिली इंटर कॉलेज से होगी। प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को एग्जाम की टेंशन दूर भगाने का तरीका बताया जाएगा। साथ ही किस तरह वे एग्जाम की प्रिपरेशन करें, इसकी भी जानकारी दी जाएगी। प्रोग्राम में स्टूडेंट्स के साथ पैरेंट्स को भी कई बातों पर ख्याल रखने की जानकारी दी जाएगी।

वर्जन-

एग्जाम के टाइम अक्सर स्टूडेंट्स डिप्रेशन में चले जाते हैं। इसके पीछे उनकी निगेटिव थिकिंग और पैरेंट्स का प्रेशर मेन रीजन होता है। स्टूडेंट्स को डिप्रेस होने से बचाने के लिए स्कूल में काउंसलिंग प्रोग्राम कराया जाएगा।

कविराज कुमार, रीजनल साइकोलॉजिस्ट

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इन बातों का ख्याल रखें स्टूडेंट्स

-पढ़ाई के दौरान ब्रेक जरूर लें

-सेल्फ कांफिडेंस और पॉजिटिव थिकिंग के साथ एग्जाम की तैयारी करें

-राइटिंग स्पीड बढ़ाएं

-सब्जेक्ट को रटने के बजाए समझ कर याद करें

-एग्जाम को जनरल प्रॉसेस माने

पैरेंट्स भी रखें ख्याल

-बच्चों का मनोबल बढ़ाएं

-प्रेरणादायक कहानियां सुनाएं, जिससे वे बोर न हो

-एग्जाम के पहले डांट न लगाएं, बल्कि समझाएं

-अनावश्यक बंदिशें न थोपें

-पढ़ने का बहुत अधिक प्रेशर न बनाएं