खाली पड़ा कक्ष, काउंसलर्स कर रहे नींद पूरी

जिला अस्पताल में पूछताछ केंद्र बनकर रह गया मनकक्ष

Meerut मन की सुनने वाला ही नहीं होगा तो मन की बात किससे कही जाएगी. मानसिक रोगियों की वेदना को समझने और उनका उपचार करने के लिए जिला अस्पताल में खोला गया मनकक्ष 6 महीने में ही ठप हो गया है. दैनिक जागरण आई नेक्सट की पड़ताल में खुलासा हुआ कि खाली पड़े कक्षों में काउंसलर्स अपनी नींद पूरी कर रहे हैं. बुधवार को कक्ष 1 और कक्ष तीन खाली पड़े थे, जबकि कक्ष दो में बैठी काउंसलर कुर्सी पर बैठकर अपनी नींद पूर कर रही थी. सुबह से एक भी मरीज यहां नहीं आया था.

यह है मनकक्ष

17 सितंबर 2018 को मानसिक तनाव या समस्या से घिरे मरीजों की काउंसलिंग के लिए मनकक्ष प्रोजेक्ट शुरु किया गया था.

3 लाख की लागत से जिला अस्पताल में पहले से बने एक कक्ष को इसके लिए रेनोवेट किया गया.

8 एएम से 2 पीएम तक यहां काउंसलर्स को लोगों की समस्याएं सुननी हती हैं.

काउंसलर्स का शेड्यूल

कक्ष 1

-सोमवार व मंगलवार को आरएनटीसीपी यानी रिवाइजड नेशनल टयूबरोक्लोसिज कंट्रोल प्रोग्राम के काउंसलर

-बुधवार को एसटीआई यानी सेक्सुअली ट्रांसमिटिड इंफेक्शंस की काउंसलिंग

-गुरुवार और शुक्रवार को एफडब्ल्यूसी यानी फैमिली वेलफेयर के काउंसलर

-शनिवार को एनसीडी यानी नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज के काउंसलर का शेड्यूल है.

कक्ष दो

सोमवार से शनिवार आईसीटीसी यानी इंटिग्रेटिड कांउसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर के काउंसलर

कक्ष तीन

सोमवार से शनिवार डीएमएचपी यानी डिस्ट्रिक्ट मेंटल हैल्थ प्रोग्राम के तहत काउंसलर का शेड्यूल है.

---------

पूछताछ केंद्र बनाया

मनकक्ष का एक रूम पूछताछ केंद्र बना दिया गया है, जहां मरीजों और उनके तीमारदारों को अस्पताल से संबंधित जानकारी मिल जाती है.

-------------

मनकक्ष में रोस्टर के हिसाब से काउंसलर्स की ड्यूटी लगाई गई है. काउंसलर्स के सोने की जानकारी नहीं है. अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी.

डॉ. पीके बंसल, एसआईसी, जिला अस्पताल