नगर निगम बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को लेकर पार्षद आपस में भिड़े, पुलिस ने संभाले हालात

महापौर ने कहा वंदे मातरम अब गाया नहीं जाएगा, केवल बजेगी धुन

Meerut। नगर निगम में वंदे मातरम का विरोध करने पर वार्ड 60 के पार्षद के साथ भाजपा पार्षदों ने जमकर धक्कामुक्की की। हालात यह हो गए कि पार्षद के साथ हाथपाई तक हो गई। भाजपा पार्षदों ने जमकर हाथ चलाए। पुलिस व अन्य पार्षदों ने आकर वार्ड 60 के पार्षद को बमुश्किल बचाया। तब जाकर मामला शांत हुआ।

पार्षद ने उतारी कमीज

दरअसल प्रस्ताव को लेकर भाजपा व बसपा पार्षद आपस में धक्का मुक्की कर रहे थे। इतने में ही वार्ड 60 के पार्षद नीरज सिंह ने आकर अपने कमीज उतारी और जमीन पर बैठ गया। तीन चार पार्षद और साथ में आकर जमीन पर बैठ गए। पार्षद नीरज सिंह कहना लगा कि हम जब भी यहां आते है तो वंदे मातरम और अल्ला हो अकबर पर लड़ते रहते हैं। जनता हमसे पूछती है कि बैठक से क्या लेकर आए। क्या हम जनता से यह जाकर कहे हैं वंदे मातरम का विरोध और उसके पक्ष में लड़का आए। इतना कहते ही भाजपा पार्षद नीरज सिंह पर टूट पड़े। धक्का मुक्की करते हुए हाथापाई शुरू कर दी। पहले से मौजूद पुलिस व कुछ अन्य पार्षदों ने आकर वार्ड 60 के पार्षद को बचाया। लेकिन इससे पहले पार्षद की जमकर धुनाई हो चुकी थी।

प्रस्ताव को लेकर भिडे़ पार्षद

नगर निगम की बोर्ड बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षद दल के नेता विपिन जिंदल ने नवचंडी मंदिर को जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण करने, नौचंदी में अंबेडकर द्वारा बनाने, नए वार्डो के लिए सफाई कर्मियों नियुक्ति, नालों की सफाई व देखरेख निर्माण विभागको देने, घंटाघर नाले की सफाई व सड़क निर्माण, सहित 9 प्रस्ताव पास करा दिए। इसके बाद भाजपा पार्षद ललित नागदेव ने प्रस्ताव पड़ना शुरू कर दिया। दूसरी तरफ पार्षद गफ्फार ने प्रस्ताव पड़ने की बात कही। बस इसी बात भाजपा व बसपा पार्षद आपस में भिड़ गए। काफी देर तक इसको लेकर हंगामा चलता रहा। वहीं नगर निगम में वंदे मातरम की धुन बजाने की बात पर भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा पार्षदों ने साफ कहा कि वंदे मातरम की धुन नहीं बजने दी जाएगी।

बैठक में पहुंची महापौर

बोर्ड बैठक में हंगामा बढ़ता देख महापौर सुनीता वर्मा बीच में उठकर कमिश्नरी सभागार में चल रही अवस्थापना निधि में बैठक में चली गई। करीब एक घंटे बाद वह साढ़े बारह बजे बोर्ड बैठक में दोबारा से आई। इसके बाद बैठक शुरू की गई। इतनी देर बैठक को स्थागित रखा गया।

गड्ढा मुक्त सड़कों पर उठे सवाल

वहीं, कुछ पार्षदों ने बैठक में शहर को गड्ढामुक्त करने को लेकर सवाल उठाए। शासन को फर्जी तरीके से रिपोर्ट भेजने की बात कही। भाजपा व बसपा पार्षदों ने एक स्वर में जांच की बात की।

सफाई कर्मियों ने किया हंगामा

वहीं, वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी भी बोर्ड बैठक में पहुंच गए। उन्होंने अपना वेतन 74 सौ से बढ़ाकर 12 हजार करने की मांग की। पार्षदों ने भी सफाई कर्मचारियों का साथ देते हुए प्रस्ताव को पास करने के लिए कहा।

पार्षदों ने की वेतन की मांग

वहीं, पार्षदों ने भी अपने वेतन की मांग की। पार्षदों ने कहा कि विधायक व सांसदों की तरह हमारा भी वेतन होना चाहिए। हमें भी कम से कम 30 से 35 हजार रुपये मासिक मिलना चाहिए। सभी पार्षदों ने इस समर्थन किया। वहीं फाइनेंस कंट्रोलर ने शासन को प्रस्ताव भेजने की बात कही।

बिजली का बिल देने पर उठाए सवाल

भाजपा पार्षदों ने निगम द्वारा बिजली विभाग को 37 लाख रुपये बोर्ड फंड से बिजली का बिल देने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बोर्ड फंड से पैसा दिया जाना उचित है क्या। इस पर फाइनेंस कंट्रोलर ने उसको उचित बताए। इस पर भाजपा पार्षदों ने बिजली विभाग ने हाउस टैक्स व किराया वसूलने की बात कही। निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई करने की बात कही।

रिकवरी हुई प्रभावित

पुनरीक्षित बजट का आय व्यय प्रस्तुत करते हुए फाइनेंस कंट्रोलर ने कहा कि अक्टूबर में चुनाव होने के कारण रिकवरी प्रभावित हुई है। इसके अलावा उन्होंने पूरे बजट का पढ़कर सुनाया।

यह भी उठाए सवाल व प्रस्ताव

पार्षदों द्वारा निगम में गाडि़यों की मरम्मत, वकीलों को दिए जाने वाला पैसा, नालों पर से अवैध कब्जा, जीएम जलकल का वेतन दिए जाने, अवैध होर्डिग, शहर को ओडीएफ घोषित किए जाने, जेएनएनयूआरएम योजना, उपाध्यक्ष पर जांच, कूड़े के बदले चार्ज लेने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया।

नहीं पहुंच अधिकारी

अवस्थापना निधि की बैठक होने के कारण नगर निगम के अधिकांश अधिकारी निगम की बोर्ड बैठक में नहीं पहुंचे। केवल फाइनेंस कंट्रोलर, और अपर आयुक्त ही बैठक में मौजूद रहे।

आगे से नगर निगम की बोर्ड बैठक में वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा। इसके बदले वंदे मातरम की धुन बजाई जाएगी।

सुनीता वर्मा, महापौर