आइपीएल के पूर्व कमिश्नर और फेमा उल्लंघन में आरोपी ललित मोदी ने मंगलवार को एक से बढक़र एक सनसनीखेज खुलासे किए। उन्होंने पहला बाउंसर कांग्रेस पार्टी और राकांपा पर फेंका है। जिस आव्रजन दस्तावेज के लिए मदद के सिलसिले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का नाम उछाला गया उसी मामले में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, यूपीए सरकार में मंत्री रहे व राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल का नाम भी खुद ललित मोदी ने लिया है।  मोंटीनीग्रो में मंगलवार को एक भारतीय टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पूर्व आइपीएल चीफ का यह कहना इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस जहां ललित मोदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को लगातार घेर रही है, वहीं मददगारों की सूची में अब उनके नेता का भी नाम जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपना पद इसलिए गंवाया क्योंकि उन्होंने झूठ बोला था कि उनका कोच्चि टीम से कोई सरोकार नहीं है। इस बीच, राजीव शुक्ला ने ललित के बयान पर ट्वीट कर कहा कि वह पिछले तीन सालों से उनसे नहीं मिले। मदद करने का कोई सवाल ही नहीं है। वहीं, शरद पवार ने कहा कि उन्होंने ललित को आरोपों का सामना भारत में ही करने की सलाह दी थी।

वसुंधरा मेरी पत्नी के साथ गई थीं पुर्तगाल  

भाजपा नेता वसुंधरा राजे का मामला भी दिलचस्प है। ललित मोदी ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मददगार बताते हुए कहा कि वह उनकी पुरानी पारिवारिक मित्र हैं। उन्होंने बताया, ‘वसुंधरा ने यूके में मेरे समर्थन में लिखित बयान दिया। यही नहीं, पिछले साल वसुंधरा पुर्तगाल में मेरी पत्नी के कैंसर के इलाज के दौरान साथ थीं। वर्ष 2012 में भी वह पत्नी के इलाज के लिए साथ गई थीं।’ जबकि वसुंधरा ने ललित मोदी के परिवार से पहचान की बात को स्वीकार करते हुए दस्तावेज संबंधी किसी भी बात से इन्कार किया है।

स्वराज कौशल मुफ्त में मेरे केस लड़ते रहे

मदद के मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संबंधी विवाद पर ललित मोदी ने कहा कि सुषमा उनकी 20 वर्षों से पारिवारिक मित्र रही हैं। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल हमेशा से बिना पैसे लिए उनका हर कानूनी केस लड़ते आए हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि सुषमा स्वराज ने उनकी मदद की है और उन्होंने सुषमा को एक फोन किया था। मोदी ने बताया कि सुषमा के बारे में ब्रिटिश अखबार संडे टाइम्स को खबर मीडिया मुगल रुपर्ट मरडॉक ने लीक की थी।

ईडी को दी चुनौती

वित्तीय गड़बडिय़ों का आरोप झेल रहे ललित मोदी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया। इसके साथ उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को चुनौती दी कि वो उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित करके दिखाए। उन्होंने कहा कि वह भले ही सशरीर भारतीय अदालतों में हाजिर न हुए हों, लेकिन उनकी तरफ से उनके वकील हमेशा पेश हुए। वह भारतीय अदालतों में केवल सुरक्षा कारणों से नहीं आ सके। ब्रिटेन की अदालतों में उन्हें कई स्तरों में जीत मिली है। भारतीय अदालतों में भी ऐसा ही होगा।

यूपीए सरकार पर निशाना

ललित मोदी ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको ब्रिटेन में प्रवास की मंजूरी मिलने ही वाली थी लेकिन यूपीए सरकार ने अड़ंगा लगा दिया। उन्हें आसानी से किसी भी देश की नागरिकता मिल सकती थी। किसी भी देश का पासपोर्ट मिल सकता था। लेकिन वह अपनी लड़ाई आखिर तक जारी रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आलीशान जिंदगी जी रहा हूं। क्यूं न जियूं, मैंने कुछ गलत नहीं किया।’

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