संजीद सिंह एमएच17 एयरलाइंस के उन 15 क्रू सदस्यों में से एक थे जो एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रही थी. इस विमान में 298 यात्री थे.

भाग्य का खेल देखिए कि कुछ महीने पहले संजीद की पत्नी ने भी आखिरी समय में लापता हुए एमएच370 में अपने एक सहयोगी से फ़्लाइट की अदला बदली की थी.

मलेशियन इनसाइडर में छपी खबर के मुताबिक संजीद की पत्नी की 8 मार्च को ड्यूटी मलेशिया एयरलाइंस एमएच370 विमान पर थी. ये विमान कुआलालंपुर से बीजिंग जाते समय मार्च में लापता हो गया था.

संजीद की पत्नी ने ड्यूटी बदली और वे बच गईं. वह विमान ऐसा लापता हुआ कि उसमें सवार 239 यात्रियों में किसी का आज तक अतापता नही चला है.

ड्यूटी बदलने से पत्नी बची,पति की जान गई

संजीद के पिता जिजर सिंह ने कहा, ''संजीद की पत्नी ने भी अपने एक सहयोगी से आखिरी समय में ड्यूटी बदली थी.''

'अब हम क्या करेंगे'

संजीद सिंह अपनी पत्नी और सात साल के बच्चे के साथ कुआलालंपुर में रहते थे.

ड्यूटी बदलने से पत्नी बची,पति की जान गई

पेनांग में रह रहे संजीद के पिता ने एक समाचार पत्र को बताया, ''वो पिछले महीने यहां था. संजीद ने हाल ही में हमें बताया था कि उसने अपने एक सहयोगी से एम्सटर्डम से कुआलालंपुर की फ्लाइट की अदला-बदली की है.''

जि़जर सिंह को उम्मीद थी कि एम्सटर्डम से लौटने के बाद संजीद उनसे मिलने आएगा और इसी उम्मीद में संजीद की मां ने उसका मनपंसद खाना भी बना कर रखा था.

सिंह का कहना था कि उन्हें इस हादसे की ख़बर उनकी बेटी ने दी.

एक समाचार पत्र को सिंह ने बताया, ''मेरी बेटी इटली में रहती है. उसने सुबह चार बजे तक इंतजार किया. मेरी दो बार बॉयपास सर्जरी हो चुकी है. इसलिए मेरी बेटी ने मुझे ये सूचना पहले नहीं दी. मेरी उम्र 71 और मेरी पत्नी की उम्र 73 बरस की है. हमारी क्या हालत है हम बता नहीं सकते. मेरा शरीर कांप रहा है.

''हम टूट चुके है. हमारा एक ही बेटा था. हम क्या करें? जो हाना था वह तो हो चुका है''

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