पूरी बॉडी हो गई Paralyzed

अजबपुर कलां एरिया के टिहरी नगर में रहने वाले इंद्रजीत डंग आज लगभग 25 साल के हैं। वे बताते हैं कि महज आठ महीने की उम्र में उन्हें बचपन में पिलाई जाने वाली दवा की गलत खुराक दे दी गई। इससे उनकी पूरी बॉडी पैरालाइज्ड हो गई। पांच साल की उम्र तक उनकी गर्दन के अलावा बॉडी का कोई पार्ट काम नहीं करता था। उन्हें देश के कई बड़े हॉस्पिटल्स में भी दिखाया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हो पाया। इसके बाद फैमिली के कंटीन्यू एफट्र्स और दवाओं से बॉडी का अपर पोर्शन थोड़ा काम करने लगा। फिलहाल अब भी बॉडी का ऊपरी हिस्सा 85 फीसदी काम करता है, जबकि नीचे का शरीर बिल्कुल काम नहीं करता।

Internet पर बनाई पकड़

जैसे-जैसे उम्र बढ़ी और वक्त गुजरा तो लोगों को देखकर कई बार निराशा भी हुई, लेकिन धीरे-धीरे समझ में आया कि हिम्मत हारने से कुछ नहीं होगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग से ट्वेल्थ तक पढ़ाई की, इसके साथ ही इंटरनेट पर भी पकड़ बनाई। अब इसमें महारथ हासिल हो गई है तो ऑनलाइन काम करने लगा। इससे खर्च लायक पैसे आने लगे। साथ ही ले-आउट डिजाइनिंग पर हाथ आजमाया। ऑनलाइन ही डिजायनिंग सीखी। अब ऑनलाइन काम और डिजायनिंग से 20-25 हजार रुपए प्रति माह तक कमा लेते हैं।