-विलयधाम के पास पुलिस मुठभेड़ में एक लुटेरा गिरफ्तार, एक फरार

-जेल में लुटेरों की हुई थी दोस्ती, छूटने के बाद की प्लानिंग

BAREILLY: मिनी बाईपास पर 31 जुलाई की रात डेहलीवरी कोरियर कंपनी के ऑफिस में हुई 3.25 लाख रुपए की लूट का पुलिस ने 31 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया। थर्सडे सुबह बड़ा बाईपास विलयधाम के पास पुलिस ने मुठभेड़ में एक लुटेरे को गिरफ्तार कर लिया है। मुठभेड़ में बदमाश के पैर में गोली लगी है। वहीं फायरिंग में एसआई सुनील राठी की बाजू में भी गोली लगी है। पुलिस ने लुटेरे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया है। लूट की वारदात को प्लान करने वाला सीबीगंज के रोहटा का रहने वाला है और उसकी लुटेरे महेश, चंद्रपाल से जेल में मुलाकात हुई थी। पुलिस फरार बदमाशों की तलाश में जुट गई है। पुलिस ने लुटेरे के पास से 10 हजार रुपए नकद, एक तमंचा, 2 जिंदा और 2 खोखा कारतूस बरामद की हैं।

दो दिन पहले से की रेकी

एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पुलिस पूछताछ में लुटेरे की पहचान महेश पुत्र बाबूराम निवासी वीसी रमपुरा हाफिजगंज के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में महेश ने बताया कि सीबीगंज के रोहटा निवासी राजेंद्र ने लूट की वारदात को प्लान किया था। उसने ही कोरियर कंपनी का ऑफिस देखकर बताया था कि ऑफिस देर रात तक खुलता है और उसमें काफी कैश आता है। लूट की वारदात को अंजाम देने से दो दिन पहले से रेकी की गई थी। इसके तहत निगरानी की गई थी कि किस वक्त ऑफिस बंद होता है। ऑफिस में कितने लोग आखिर में रहते हैं।

साढ़े 8 बजे से कर रहे थे इंतजार

महेश ने पुलिस को बताया कि राजेंद्र के प्लान के तहत वह धर्मपुरा हाफिजगंज निवासी चंद्रपाल के साथ मिनी बाईपास पर पहुंचा था। उसके साथ में राजेंद्र के द्वारा भेजा गया एक शख्स था। वह उसका नाम नहीं जानता है। तीनों पहले मिनी बाईपास स्थित पेट्रोल पंप के पास खड़े हुए और वहीं कुछ दूर पर बाइक खड़ी कर दीं। तीनों रात में करीब साढ़े 8 बजे पहुंच गए थे लेकिन इतनी देर तक वह बार-बार इधर उधर जाकर निगरानी कर रहे थे। जब ऑफिस में सिर्फ दो लोग ही रह गए तो तीनों अंदर घुस गए और फिर हथियार के बल पर लूट को अंजाम दिया।

महेश का खुल गया था नकाब

जब बदमाश लूट के लिए कोरियर कंपनी के ऑफिस में घुसे थे तो दो लुटेरों ने नकाब पहन रखा था। कोरियर कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर ने एक लुटेरे को पकड़कर उसका नकाब खींच लिया था। वह नकाब महेश का ही खिंचा था, जिसकी वजह से उसका भी चेहरा सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज सभी थानों और पब्लिक में सर्कुलेट कीं तो महेश का चेहरे की पहचान हो गई। किसी मुखबिर ने पुलिस को सूचना दे दी और फिर पुलिस ने मुठभेड़ में उसे गिरफ्तार हो गया लेकिन चंद्रपाल मौके से फरार हो गया।

पुलिस का मुखिबर भी था

पुलिस सोर्स की मानें तो महेश पर लूट, हत्या के प्रयास, मर्डर समेत 6 मामले पहले से ही दर्ज थे। वह 8 महीने पहले ही जेल से छूटकर आया था। वह पुलिस के लिए मुखबिरी भी करने लगा था। इसी वजह से पुलिस को उसे ट्रेस करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। वहीं, पुलिस ने चंद्रपाल और राजेंद्र के घर दबिश दी, लेकिन दोनों फरार चल रहे हैं। राजेंद्र की गिरफ्तारी के बाद ही तीसरे लुटेरे का पता चल सकेगा। अभी तक पुलिस लूट की पूरी रकम भी बरामद नहीं कर सकी है।

जेल में मिले थे तीनों लुटेरे

महेश, चंद्रपाल और राजेंद्र अलग-अलग मामलों में जेल में गए थे। यहीं तीनों की मुलाकात हुई थी और तीनों ने अपने नंबर आपस में बांट लिए थे। जेल से छूटने के बाद भी तीनों संपर्क में थे। जैसे ही राजेंद्र ने कोरियर कंपनी के ऑफिस को टारगेट किया और फिर तीनों ने मिलकर लूट की प्लानिंग कर वारदात को अंजाम दे दिया।