नहीं शुरू हो सका कोर्स 
यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज के सभी स्टूडेंट्स के लिए एनवॉयरमेंटल साइंस की पढ़ाई जरूरी की जाए। यूजीसी की ओर से यह ऑर्डर जारी हुए भले ही सालों बीत गए हों, लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन उसे अभी तक फॉलो नहीं कर सका है। जबकि इसके लिए सभी प्रॉसेज फॉलो किए जा चुके हैं। यूजीसी के ऑर्डर के मद्देनजर यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल ने इस कोर्स को शुरू करने के लिए मंजूरी दे दी है। इसके लिए बनाई गई कमेटी ने कोर्स का सिलेबस भी निर्धारित कर लिया है। इसके बावजूद इस कोर्स को शुरू करने का मामला अभी भी पेंडिंग है. 

थर्ड ईयर में चलेगा कोर्स
यूनिवर्सिटी की ओर से की गई प्लानिंग के मुताबिक एनवॉयरमेंटल साइंस बीए, बीएससी व बीकॉम के अंतिम साल में पढ़ाया जाना है। ऑफिसर्स का मानना है लास्ट इयर स्टूडेंट्स का एक सब्जेक्ट छूट जाता है तो इस स्थिति में उन पर एक्स्ट्रा लोड नहीं पड़ेगा। स्टूडेंट अपने ओरिजनल सब्जेक्ट के साथ एनवॉयरमेंटल साइंस की स्टडी भी कर सकेंगे। लेकिन ऑर्डर जारी हुए सालों बीत गए। यूनिवर्सिटी में इस कोर्स की पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी। हालांकि स्टूडेंट्स को एनवॉयरमेंटल साइंस के पेपर में केवल पास करने की जरूरत पड़ेगी। इसके माक्र्स उनके रिजल्ट में एड नहीं किया जाएगा.

कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं 
सारी तैयारी होने के बाद भी यूनिवर्सिटी में इस कोर्स की शुरुआत नहीं हो पा रही है। ऑफिसर्स की मानें यह एडमिनिस्ट्रेशन की लचर व्यवस्था का नतीजा है। इस कोर्स को शुरू करने के लिए कोई पेन लेना नहीं चाहता है। दरअसल, इस कोर्स से रिलेटेड स्टूडेंट्स की क्लास लेने की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी के ही कुछ टीचर्स पर होगी, जिसके लिए वह तैयार नहीं है। इस स्थिति में यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन या तो नए टीचर्स का अप्वाइंटमेंट करे या फिर उन टीचर्स की अन्य दूसरी जिम्मेदारी कम करे, जिन्हें एनवॉयरमेंटल साइंस की क्लास लेनी है। फिलहाल यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इससे संबंधित अभी तक कोई तैयारी नहीं की है। इससे तो यही लगता है कि नेक्स्ट एकेडमिक सेशन में भी इस कोर्स की क्लास शुरू नहीं हो सकेगी.


सुप्रीम कोर्ट का भी है ऑर्डर
पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज में एनवॉयरमेंटल साइंस का कोर्स शुरू किया जाए। यह डिसीजन न केवल यूजीसी का है बल्कि कुछ साल पहले एक मामले में यह ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया। लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में यह कोर्स न तो अभी शुरू हो सका है और न ही नेक्स्ट एकेडमिक सेशन में शुरू करने की तैयारी ही है। जबकि बीएचयू सहित अन्य यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज में यह कोर्स कब का शुरू हो चुका है. 

घर-घर पहुंचेगा मैसेज 
यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज में एनवॉयरमेंटल साइंस का कोर्स शुरू करने का डिसीजन यूजीसी और सुप्रीम कोर्ट ने यूं ही नहीं लिया। दरअसल उनकी प्लानिंग यह रही कि पर्यावरण को सुरक्षित बनाने का इससे बेहतर और कोई रास्ता नहीं हो सकता है। स्टूडेंट्स के थ्रू यह संदेश बहुत ही आसानी से घर-घर तक पहुंचेगा। इसके अलावा इस सब्जेक्ट में स्टडी और रिसर्च से पर्यावरण को सेफ रखने के लिए और भी कई टेक्निकल इजाद की जा सकेगी.


कोर्स के फायदे
 - पर्यावरण सुरक्षा को लेकर हर स्टूडेंट रहेगा जागरूक
- उनके थ्रू घर-घर तक पहुंचेगा पर्यावरण सुरक्षा का संदेश
- एनवॉयमेंटल साइंस के फील्ड में भी होगी रिसर्च व स्टडी
- पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए इजाद होगी नई टेक्निक
- पर्यावरण को लेकर लोगों की नॉलेज होगी और अपडेट

यूजीसी की ओर से जारी निर्देश के बाद यूनिवर्सिटी में इस कोर्स को शुरू करने की सारी तैयारी तो की जा चुकी है। लेकिन यह कोर्स कब से शुरू होगा, यह बात समझ में नहीं आ रही है। नेक्स्ट सेशन से भी यह कोर्स शुरू होगा, इस पर भी अभी कोई चर्चा नहीं की जा रही है। जबकि टाइम बहुत कम बचा है.
प्रो। एमपी दूबे, डीन आर्ट एयू.

नहीं शुरू हो सका कोर्स 

यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज के सभी स्टूडेंट्स के लिए एनवॉयरमेंटल साइंस की पढ़ाई जरूरी की जाए। यूजीसी की ओर से यह ऑर्डर जारी हुए भले ही सालों बीत गए हों, लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन उसे अभी तक फॉलो नहीं कर सका है। जबकि इसके लिए सभी प्रॉसेज फॉलो किए जा चुके हैं। यूजीसी के ऑर्डर के मद्देनजर यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल ने इस कोर्स को शुरू करने के लिए मंजूरी दे दी है। इसके लिए बनाई गई कमेटी ने कोर्स का सिलेबस भी निर्धारित कर लिया है। इसके बावजूद इस कोर्स को शुरू करने का मामला अभी भी पेंडिंग है. 

थर्ड ईयर में चलेगा कोर्स

यूनिवर्सिटी की ओर से की गई प्लानिंग के मुताबिक एनवॉयरमेंटल साइंस बीए, बीएससी व बीकॉम के अंतिम साल में पढ़ाया जाना है। ऑफिसर्स का मानना है लास्ट इयर स्टूडेंट्स का एक सब्जेक्ट छूट जाता है तो इस स्थिति में उन पर एक्स्ट्रा लोड नहीं पड़ेगा। स्टूडेंट अपने ओरिजनल सब्जेक्ट के साथ एनवॉयरमेंटल साइंस की स्टडी भी कर सकेंगे। लेकिन ऑर्डर जारी हुए सालों बीत गए। यूनिवर्सिटी में इस कोर्स की पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी। हालांकि स्टूडेंट्स को एनवॉयरमेंटल साइंस के पेपर में केवल पास करने की जरूरत पड़ेगी। इसके माक्र्स उनके रिजल्ट में एड नहीं किया जाएगा।

कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं 

सारी तैयारी होने के बाद भी यूनिवर्सिटी में इस कोर्स की शुरुआत नहीं हो पा रही है। ऑफिसर्स की मानें यह एडमिनिस्ट्रेशन की लचर व्यवस्था का नतीजा है। इस कोर्स को शुरू करने के लिए कोई पेन लेना नहीं चाहता है। दरअसल, इस कोर्स से रिलेटेड स्टूडेंट्स की क्लास लेने की जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी के ही कुछ टीचर्स पर होगी, जिसके लिए वह तैयार नहीं है। इस स्थिति में यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन या तो नए टीचर्स का अप्वाइंटमेंट करे या फिर उन टीचर्स की अन्य दूसरी जिम्मेदारी कम करे, जिन्हें एनवॉयरमेंटल साइंस की क्लास लेनी है। फिलहाल यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इससे संबंधित अभी तक कोई तैयारी नहीं की है। इससे तो यही लगता है कि नेक्स्ट एकेडमिक सेशन में भी इस कोर्स की क्लास शुरू नहीं हो सकेगी।

सुप्रीम कोर्ट का भी है ऑर्डर

पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज में एनवॉयरमेंटल साइंस का कोर्स शुरू किया जाए। यह डिसीजन न केवल यूजीसी का है बल्कि कुछ साल पहले एक मामले में यह ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया। लेकिन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में यह कोर्स न तो अभी शुरू हो सका है और न ही नेक्स्ट एकेडमिक सेशन में शुरू करने की तैयारी ही है। जबकि बीएचयू सहित अन्य यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज में यह कोर्स कब का शुरू हो चुका है. 

घर-घर पहुंचेगा मैसेज 

यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज में एनवॉयरमेंटल साइंस का कोर्स शुरू करने का डिसीजन यूजीसी और सुप्रीम कोर्ट ने यूं ही नहीं लिया। दरअसल उनकी प्लानिंग यह रही कि पर्यावरण को सुरक्षित बनाने का इससे बेहतर और कोई रास्ता नहीं हो सकता है। स्टूडेंट्स के थ्रू यह संदेश बहुत ही आसानी से घर-घर तक पहुंचेगा। इसके अलावा इस सब्जेक्ट में स्टडी और रिसर्च से पर्यावरण को सेफ रखने के लिए और भी कई टेक्निकल इजाद की जा सकेगी।

कोर्स के फायदे

 - पर्यावरण सुरक्षा को लेकर हर स्टूडेंट रहेगा जागरूक

- उनके थ्रू घर-घर तक पहुंचेगा पर्यावरण सुरक्षा का संदेश

- एनवॉयमेंटल साइंस के फील्ड में भी होगी रिसर्च व स्टडी

- पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए इजाद होगी नई टेक्निक

- पर्यावरण को लेकर लोगों की नॉलेज होगी और अपडेट

यूजीसी की ओर से जारी निर्देश के बाद यूनिवर्सिटी में इस कोर्स को शुरू करने की सारी तैयारी तो की जा चुकी है। लेकिन यह कोर्स कब से शुरू होगा, यह बात समझ में नहीं आ रही है। नेक्स्ट सेशन से भी यह कोर्स शुरू होगा, इस पर भी अभी कोई चर्चा नहीं की जा रही है। जबकि टाइम बहुत कम बचा है।

प्रो। एमपी दूबे, डीन आर्ट एयू।