PATNA: दीघा आर ब्लॉक रेल ट्रैक को हटा कर फोरलेन सड़क निर्माण की धीमी प्रगति पर पटना हाईकोर्ट ने असंतुष्टि जाहिर की है। न्यायाधीश डॉ रवि रंजन एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर स्वत: कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा अभी तक हुई प्रगति को आंख में धूल झोंकने का प्रयास करार दिया। इसके पूर्व जिला प्रशासन द्वारा अदालत में प्रगति रिपोर्ट पेश की गई थी। राज्य सरकार की तरफ से अदालत को जानकारी दी गई कि अभी तक 514 झोपडि़यों और 186 खटालों को हटाया गया है। लेकिन यह जानकारी नहीं दी गई कितने अवैध मकानों और पक्की संरचनाओं को तोड़ा गया है। पथ निर्माण विभाग द्वारा अदालत को यह जानकारी नहीं दी जा रही है कि किस स्थान पर सड़क कितनी चौड़ी है । वहां किस प्रकार की सड़कें बनेगी। कितने मकानों के कारण अभी तक सड़क अतिक्रमित है। पटरियां उखाड़ी जा रही है या नहीं? जिला प्रशासन के हलफनामे से नाराज अदालत ने 28 सितम्बर को पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव और पटना के जिलाधिकारी को चैम्बर में आकर सही- सही जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने मौखिक रूप से यह भी पूछा कि विस्थापितों को कहां बसाया जा रहा है।