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आरोप पत्रों की फाइलें विवेचना होने के बावजूद दफ्तरों में फांक रही हैं धूल

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मुकदमे धूमनगंज थाने में हैं, आरोप पत्र आज तक नहीं भेजे गए कोर्ट

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मुकदमो की विवेचना का बोझ है महिला थाने की एक एसआई पर

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साल तक लग जा रहे हैं चार्जशीट कोर्ट तक पहुंचने में

वादकारियों को समय से नहीं मिल पा रहा न्याय

PRAYAGRAJ: वर्क प्रेशर के अॅकार्डिग पुलिसकर्मियों के संख्या न होने का असर मुकदमो पर पड़ने लगा है। एक-एक उपनिरीक्षक पर सौ-सौ की संख्या में विवेचनाएं पहुंच गयी हैं। विवेचना के बाद पत्रावली कोर्ट में सब्मिट करना भी चैलेंज है। इसका नतीजा है कि कोर्ट में मुकदमों की डेट पर सिर्फ डेट लग रही है।

गलती पुलिस की भुगत रहे फरियादी

विवेचनाओं की पेंडेंसी की स्थिति यह है कि थानो में दर्जनो ऐसे मामले हैं जिसमें फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है। इन रिपोर्ट को सीओ से ओके होने के बाद कोर्ट में दाखिल होना है। कोर्ट की मंजूरी के बाद ही ये फाइलें क्लोज होंगी। इसके लिए अधिकतम 90 दिन विवेचक के पास होते हैं। आलम यह है कि 270 दिन बाद भी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट तक नहीं पहुंच पा रही है। कोर्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीओ द्वितीय के क्षेत्राधिकार में धूमनगंज थाना भी आता है। यहां वर्ष 2017 में करीब 1500 मुकदमे दर्ज किए गए। इन मुकदमों के आरोप पत्र कोर्ट नहीं भेजे गए हैं। इससे फरियादी इंसाफ के लिए भटक रहे हैं। मुकदमा संख्या 478/13 में आरोप पत्र वर्ष 2014 में लगाया गया लेकिन पत्रावली आज तक कोर्ट नहीं पहुंची।

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अपराधी उठा रहे लाभ

आरोप पत्र कोर्ट न पेश किए जाने से बढ़ रही है पेंडिंग केसेज की संख्या

इसका लाभ सीधे-सीधे आरोपित अपराधी उठा रहे हैं

आरोप पत्र न पहुंचने से कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिर्फ डेट लगती है

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महिला थाने की स्थिति खराबब!

आधी आबादी से जुड़े मामलों की विवेचनाओं की स्थिति बदतर हालत में है। एसएसपी ने कुछ माह पहले महिलाओं से जुड़े सारे मामलों को महिला थाने के सिपुर्द कर दिया। इसके बाद जिले भर के केस यहां ट्रांसफर हो गये। परिणाम यह हुआ कि विवेचनाएं एसआई के लिए बोझ बन गई। थाने से जुड़े सूत्रों की मानें तो एसआई अमृता सिंह, आकांक्षा सक्सेना, संगीता रावत, संगीता यादव, मंजू सिंह, इशा सचान, रश्मि अग्निहोत्री आदि के पास करीब 100-100 विवेचनाएं हैं।

मेरी सर्किल में करीब ढाई हजार मामले ऐसे हैं। इधर बीच कोर्ट में लिपिकों की कमी थी, इसलिए आरोप पत्र वहां रिसीव होने में दिक्कत आ रही थी। अब समस्या खत्म हो गई है, आरोप पत्र तेजी के साथ कोर्ट भेजे जा रहे हैं। महिला थाने की स्थिति के बारे में मैं बता नहीं सकता।

-श्रीश्चंद्र,

सीओ सिटी द्वितीय