JAMSHEDPUR : जमशेदपुर शहर त्योहारों को बड़ी ही शिद्दत से मनाने के लिए जाना जाता है। दीवाली में पर्यावरण सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जारी आदेश पर पटाखे छोड़ने वालों पर पुलिस-प्रशासन की विशेष नजर रहेगी। शहर में प्रशासन की ओर से तय समय सीमा के पहले और बाद में पटाखा जलाने पर पुलिस कार्रवाई करेगी। राज्य सरकार ने प्रदेश भर में रात 8 से 10 बजे तक पटाखे छोड़ने की अनुमति दी है। इस बीच जमशेदपुर पुलिस ने शहर के 37 थानों में उड़न दस्ते का गठन किया है। दस्ते की नेतृत्व संबंधित थानेदार करेंगे, जबकि संबंधित ऐरिया के डीएसपी भी इसकी निगरानी करेंगे।

पांच साल तक जेल का है प्रावधान

पटाखे छोड़ने के लिए जो दिशा-निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, उसे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत लागू किया जाएगा। इस धारा का उल्लंघन करने पर अधिकतम 5 साल तक जेल और अधिकतम 1 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है। अगर कानून तोड़ने की तीव्रता अधिक होगी, तो जेल और जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है।

स्कूल, हॉस्पिटल, कोर्ट के बाहर पटाखे न छोड़ें

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार पटाखे छोड़ने को लेकर आम नागरिकों के लिए एक एडवायजरी जारी करेगी। इसमें शैक्षणिक संस्थान, हॉस्पिटल व कोर्ट के 100 मीटर की परिधि में पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध का उल्लेख होगा। इसके अलावा अधिकतम 145 डेसीबल से ज्यादा शोर उत्पन्न करने वाले पटाखों पर बैन रहेगा। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने भी अपनी ओर से अपील जारी करने की तैयारी में है। लोगों से अपील की जा रही है कि लड़ी वाले पटाखे फोड़ने से परहेज करें और ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल पर जोर दें।

ये है सजा का प्रावधान

5 साल जेल, एक लाख तक जुर्माना

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इसमें अधिकतम 5 साल की जेल या एक लाख का जुर्माना हो सकता है।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन होगा। शहर के नागरिकों से अपील की जाएगी कि पर्यावरण, समाज हित और लोगों की सुरक्षा के दृष्टि से वह नियमों का पालन करें। जिससे हम सभी दीवाली महापर्व को सौहार्दपूर्ण तरीके से मिलकर मना सके।

-अनूप बिरथरे, एसएसपी, जमशेदपुर