- टीचर्स से क्लर्क के काम कराए जाने पर बेसिक सचिव ने लिया संज्ञान

- एबीएसए ऑफिस में तैनात क्लर्को के कर्तव्यों व दायित्वों का मांगा जवाब

Meerut: बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर्स द्वारा क्लर्क का काम लिए जाने की कई बार शिकायत की गई हैं। शिक्षक संघ भी इस मामले में कई बार शासन को लिख चुके हैं, टीचर्स से पढ़ाई के अलावा कई और कार्य कराए जा रहे हैं। जहां टीचर्स को एबीएसए ऑफिस अटैच कर क्लर्क के काम लिए जा रहे हैं। जिसको बेसिक शिक्षा सचिव ने संज्ञान में लेते हुए सभी बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को इस संबंध में पत्र लिखकर जवाब मांगा है। साथ ही क्लर्क की नियुक्ति के कर्तव्यों व दायित्वों के संबंध में जवाब मांगा गया है।

यह है मामला

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने अपने पत्र में लिखा गया है कि यूपी बेसिक शिक्षा परिषद के गठन के बाद परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अधिष्ठान का कार्य नगर क्षेत्र में नगर शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत लिपिकों तथा ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय उप निरीक्षक कार्यालय में कार्यरत लिपिकों द्वारा किया जाता रहा है। वर्तमान में परिषदीय कार्यालयों का विकेंद्रीयकरण कर विकास खंड स्तर पर सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्यालय बना दिया गया। जहां विकास खंड के अंतर्गत कार्यरत शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अधिष्ठान का कार्य एवं दायित्व सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी को हस्तांतरित कर दिया गया।

क्लर्क की जगह टीचर्स

एबीएसए ऑफिस के लिए क्लर्क की व्यवस्था नगर एवं ग्रामीण एरिया के कार्यालयों में कार्यरत लिपिकों के विकल्प के आधार पर समायोजित करने के अलावा में रिक्त पदों के प्रति एबीएसए के कार्यालय में मृतक आश्रित के रूप में नियुक्ति प्रदान करने का निर्देश दिया गया। इन्हीं क्लर्क द्वारा समस्त शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अधिष्ठान का कार्य व उत्तरदायित्व व्यवहारित किए जाने हैं। सचिव बेसिक शिक्षा का कहना है कि परिषद मुख्यालय को ऐसी शिकायतें मिलती रही हैं कि एबीएसए के कार्यालय के लिए लिपिकों से कार्य न लेकर विकास खंड के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को संबद्ध कर कार्यालय का काम लिया जा रहा है।

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टीचर्स से केवल टीचिंग कराएं

सचिव इस संबंध में बीएसए को निर्देशित किया था कि शासन व परिषद से अनेकों बार ऐसे निर्देश जारी किए गए हैं कि किसी भी अध्यापक से शिक्षण कार्य के अलावा ऑफिस का कार्य कदापि न लिया जाए। लेकिन इसके बाद भी आदेशों का पालन कतिपय एबीएसए नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति खेदजनक है। इस स्थिति को लेकर सभी एबीएसए व बीएसए को निर्देशित किया गया कि सभी यह सुनिश्चित कर लें कि जिन विकास खंड के कार्यालयों में लिपिकों की व्यवस्था हो गई है वहां कोई शिक्षक कार्यालय से कदापि संबद्ध न किया जाए। अन्यथा शिक्षण कार्य प्रभावित होने की स्थिति में संबंधित एबीएसए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे।

वर्जन

शिक्षकों से ऐसा कोई कार्य नहीं लिया जा रहा है। जो टीचर्स सह समन्वयक बनाए गए हैं वे भले ही कार्यालय में काम करते हों, लेकिन क्लर्क की भी काफी कमी है। ऐसे में कुछ कार्य सह समन्वयकों से ही लिया जाता है।

-जीवेंद्र सिंह ऐरी, बीएसए मेरठ