मीरापुर के रहने वाले

सिटी के अतरसुइया एरिया के रहने वाले सुरेश सैनी का पुलिस विभाग में जॉब मिलने के बाद कई जगहों पर तबादला होता रहा। वर्षों बाद एक फिर सुरेश अपने शहर में हैं। आईजी ऑफिस में पोस्टेड सुरेश को अब किसी पहचान की जरूरत नहीं है।

बचपन से ही तैरने की ललक

सुरेश ने बताया कि उन्हें बचपन से ही तैरने का शौक था। घर के पीछे यमुना नदी में वह बचपन से नहाने और मस्ती करने जाते थे। लेकिन यमुना नदी की गहराई ज्यादा होने के कारण कोई उन्हें नदी में अंदर जाने नहीं देता था। सुरेश ने सात साल की उम्र में ही तैरना सीख लिया। कुछ साल बाद वह इतने एक्सपर्ट हो गए कि यमुना नदी को अकेले ही पार करने में समक्ष हो गए।

कुछ नया करने की चाह

तैर कर नदी पार करना कोई बड़ी बात नहीं थी। सुरेश कुछ नया करना चाहते थे। तैरने में कुछ नया करने की कोशिश में जुट गए। धीरे-धीरे उन्होंने अपना हाथ-पैर बांध कर तैरने की प्रैक्टिस शुरू कर दी। इस प्रैक्टिस के लिए उन्होंने अपनी टीम बनाई। क्योंकि यह बहुत कठिन था। एक चूक और साक्षात मौत।

बनारस में बनाया रिकार्ड

जल्दी ही सुरेश ने कैनवास बैग के अंदर खुद को बांध करके तैरने में महारत हासिल कर ली। कुछ साल पहले उनकी पोस्टिंग बनारस में थी। बनारस में गंगा नदी में उन्होंने यह अजूबा करके दिखाया तो वह वल्र्ड रिकार्ड बन गया। सुरेश ने अपनी पूरी बॉडी कैनवास बैग में बांध कर गंगा नदी में 800 मीटर दूरी आसानी से तैर कर पार लिया। इस लाइव सीन को कुछ टीवी चैनल्स ने भी टेलीकास्ट किया था। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया। अब सुरेश के लिए सिर्फ एक ही ख्वाहिश बची है। वह गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराना चाहते हैं।