क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी में रहने वाले वैसे कपल्स के लिए खुशी की बात है, जो वर्किंग प्रोफेशनल्स हैं. जी हां, रांची में ऐसे वर्किंग प्रोफेशनल्स के बच्चों की देखभाल करने के लिए 30 से अधिक क्रेच सेंटर बनाए जा रहे हैं. इसमें वैसे बच्चों को रखा जाएगा जिनके मम्मी-पापा दोनों काम करते हैं. समाज कल्याण विभाग द्वारा रांची सहित पूरे राज्य में कामकाजी महिलाओं व पुरुषों के बच्चों की देखभाल करने के लिए क्रेज सेंटर की स्थापना की जा रही है. सब कुछ ठीक रहा तो मई महीने से ये क्रेच सेंटर काम करने लगेंगे.

6 माह से 3 साल तक के बच्चे रहेंगे

समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा क्रेच सेंटर की स्थापना की जा रही है, इसमें 6 महीने से लेकर 3 साल तक के छोटे बच्चों को रखा जाएगा. सबसे खास बात यह है कि इसमें कामकाजी महिला और पुरुष को सुविधा होगी. साथ ही अगर कोई अपनी पसंद से भी बच्चों को क्रेच सेंटर में रखना चाहता है तो रख सकता है.

घर जैसा मिलेगा माहौल

क्रेच सेंटर में रहने वाले बच्चों को घर जैसा माहौल मिलेगा. सेंटर में बच्चों को खाने-पीने, खेलने-सोने हर तरह की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी. विभाग के अधिकारी ने बताया कि क्रेच सेंटर में बच्चों को न्यूट्रीशन वाला भोजन दिया जाएगा. स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा . बच्चों के सोने के लिए अच्छी व्यवस्था रहेगी, पेरेंट्स बीच में आकर अपने बच्चों से मिल भी सकते हैं. अगर 6 महीने का कोई बच्चा क्रेच सेंटर में रहता है तो उसे समय से आकर उसकी मां फ्रीडिंग भी करा सकती हैं. और खुद भी बच्चे का देखभाल कर सकती हैं.

सुबह 7 से 2 बजे तक खुला रहेगा

समाज कल्याण विभाग द्वारा क्रेच सेंटर खुलने का समय भी तय किया गया है. 1 दिन में 7 घंटे तक खुला रहेगा . 7 बजे सुबह से लेकर शाम के 4 बजे तक सेंटर खुला रहेगा. क्रेच सेंटर अलग-अलग समय पर भी खुल सकता है. अगर कोई सेंटर सुबह 7 बजे खुलता है तो वह 2 बजे तक चलेगा. और अगर कोई सेंटर 9 बजे खुलता है तो वह 4 बजे तक खुला रहेगा.

मंथली खर्च 20 रुपए से 2000 तक

क्रेच सेंटर में रहने वाले बच्चों को देखभाल के लिए नहीं के बराबर पैसा खर्च करना होगा. वैसे परिवार जिनकी आमदनी सालाना 12000 रुपए से कम है, उनके बच्चों को रखने के लिए हर महीने सिर्फ 20 रुपए देने होंगे. इसके अलावा जिन पेरंट्स की इनकम सलाना 12000 रुपए से ऊपर है उनको हर महीने 200 रुपए खर्च देना होगा.

एक सेंटर में होंगे 25 बच्चे

क्रेच सेंटर में बच्चों को क्वालिटी की हर सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए लिमिटेशंस भी तय कर दिया गया है. सरकार द्वारा संचालित एक सेंटर में सिर्फ 25 बच्चे ही रह सकते हैं. इससे अधिक बच्चे होने पर दूसरे सेंटर में रखे जाएंगे. इसका मकसद है कि कम बच्चे होने पर उनको अच्छे से रहने की सुविधा मिले.

क्या है क्रेच सेंटर

क्रेच या डे केयर सेंटर. एक ऐसी जगह, जहां बच्चों को दिन के समय घर जैसा माहौल और स्नेह दिया जाता है. वहां बच्चों को साफ रखने, गंदे कपड़े बदलने के साथ उन के खाने-पीने से लेकर उनके खेलने तक का पूरा ध्यान रखा जाता है. सेंटर में बच्चों के खाने से लेकर सोने तक का समय तय रहता है. उनके साथ कई हमउम्र बच्चे रहते हैं जिनके साथ वे छोटी- छोटी चीजों को सीखते भी हैं. बच्चों को संभालने के लिए क्रेच में कम से कम 2 कुशल मेड रहेंगी, जो सुबह से शाम तक उन की सही तरीके से देखभाल करेंगी. वे बच्चों को खाना, समय पर सुलाना, हर तरह से देखभाल करेगी.