क्या होती है बॉल टेंपरिंग
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने खेल को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए कई नियम-कानून बनाए हैं। इसमें खिलाड़ियों के बर्ताव से लेकर गेंद और बल्ले से जुड़े काफी नॉर्म्स हैं। कोई भी खिलाड़ी गेंद के आकार और उसकी बनावट के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता। अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसे बॉल टेंपरिंग का दोषी माना जाता है। आईसीसी के 42.3 नियम के मुताबिक, खिलाड़ी किसी बाहरी चीज जैसे कटर, चिंगम, टेप, नाखून या अन्य किसी भी बाहरी वस्तु से गेंद को नहीं रगड़ सकता। अगर मैच के दौरान गेंद उधड़ती है या उसमें कुछ खराबी आती है तो दोनों टीमों के कप्तान अंपायर से बात कर गेंद को बदलवाने की मांग कर सकते हैं। मगर कोई खिलाड़ी उसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकता।

बॉल टेंपरिंग का क्या होता है फायदा
बॉल टेंपरिंग दो तरह की होती है, पहला गेंद के आधे सर्फेस को चिकना करना दूसरा गेंद के सर्फेस को खुरदुरा करना।

गेंद को शॉइन करना :
इसमें खिलाड़ी वैसलीन, लिप बॉम या अन्य किसी जेल वगैरह से गेंद के एक हिस्से को चमका देते हैं। ऐसे में गेंद ज्यादा शाइन करती है और जमीन पर टप्पा खाकर जब बल्लेबाज के पास पहुंचती है तो उसमें हवा तेजी से फिसल जाती है जिससे गेंद स्विंग होना शुरु हो जाती है। स्विंग होते ही बल्लेबाज गेंद क लाइन नहीं पढ़ पाता और आउट हो जाता है।

गेंद को खुरदुरा करना :
गेंद को खुरदुरा कर भी बॉल टेंपरिंग की जाती है। इसमें भी गेंद के एक हिस्से को किसी खुरदुरी चीज से रगड़ दिया जाता है। गेंद जब टप्पा खाकर बल्लेबाज के पास जा रही होती है, तो खुरदुरे हिस्से पर हवा का दबाव कम हो जाता है और गेंद स्विंग करने लगती है।

वकार यूनूस हैं सजा पाने वाले पहले खिलाड़ी
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी वकार युनूस बॉल टैंपरिंग के कारण सस्पेंड होने वाले पहले खिलाड़ी हैं। 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में उनको बॉल की सीम के साथ छेड़छाड़ का दोषी पाया गया। उसके बाद आइसीसी ने उन्हें एक मैच के लिए सस्पेंड कर दिया था।

ये हैं बॉल टेंपरिंग के चर्चित मामले :

2001: सचिन तेंदुलकर पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में पोर्ट एलिजाबेथ में गेंद से छेड़छाड़ के आरोप लगे और उन पर एक मैच का प्रतिबंध लगा। हालांकि आइसीसी ने बाद में उन पर से आरोप हटा लिए थे, क्योंकि वह गेंद की सीम से मिट्टी को हटा रहे थे।

2006: पाकिस्तान पर इंग्लैंड में टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ के आरोप लगे, तो दिन के आखिरी सत्र में टीम मैदान पर खेलने नहीं उतरी, जिसके बाद अंपायरों ने इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया।

2010: इंग्लैंड के दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान एक टेस्ट मैच में जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड को गेंद को स्पाइक जूतों से मसलते हुए पकड़ा गया। बाद में ब्रॉड ने कहा कि यह मजाकिया तौर पर किया गया था। दोनों गेंदबाजों पर आरोप साबित नहीं हुए थे।

2010: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टी-20 मुकाबले में पाकिस्तान के कप्तान शाहिद आफरीदी को गेंद को घिसने का आरोप लगा था। आफरीदी ने कहा कि वह गेंद को सूंघ रहे थे, लेकिन उन्हें दोषी पाया गया।

 

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